प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जीवित रहकर समाज का भला करने वालों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन कुछ बिरले ऐसे भी हैं जो मरने के बाद भी समाज के उपयोग के लिए अपनी देह दान कर जाते हैं। ऐसे युग दधीचि देहदानियों के परिवार के लोगों को शनिवार को एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रीतमदास प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। साथ ही खचाखच भरे हाल में उन पर फूलों की वर्षा भी की गई।

2011 में हुई थी शुरुआत
वर्ष 2011 में एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह के मार्गदर्शन में देहदान युग दधीचि अभियान की शुरुआत की गई थी।
इस अभियान में अब तक 650 लोगों ने पंजीकरण कराया है
87 देहदान भी कराए जा चुके हैं।
इस अभियान का लाभ यह हुआ कि मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई के दौरान मानव शरीर की रचना को समझने के लिए एमबीबीएस छात्रों को देह प्राप्त होने लगी।
शनिवान को एनाटमी विभाग में हुए कार्यक्रम में पिछले पांच साल में हुई देहदान के परिवार को बुलाया गया था। उनका सम्मान भी किया गया।

इनके परिवारों को मिला सम्मान
इस समारोह में प्रयागराज के स्व। हिरण्यमय चटर्जी, स्व। इंदिरा देवी शर्मा, निर्मला जायसवाल, शिवमंगल कुशवाहा, गीता चक्रवर्ती, सोना देवी, चंद्रिका प्रसाद, छोटेलाल, सत्य सुंदर बासु, बाबूलाल, रामपाल, राम संवारी देवी, रामचंद्र मौर्या, रमा तिवारी, कौशांबी के रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी, हरिश्चंद्र केसरवानी, चंद्रशेखर ङ्क्षसह, प्रतापगढ़ के राम आसरे वर्मा और गाजीपुर के रामाज्ञा राय के परिवार को सम्मानित किया गया। यह वह लोग हैं जिनकी देह मेडिकल कॉलेज को दान की गई है। इनके अलावा ऐसे भी लोग इसमें पहुंचे जिन्होंने देहदान का संकल्प पत्र भरकर पंजीकरण करा लिया है।

इससे बड़ा कोई और दान नही
युग दधीचि देहदान अभियान के संयोजक मनोज सेंगर ने कहाकि लोग जीवन भर किसी न किसी रूप में परोपकार करते हैं। लेकिन मृत्यु के बाद बेजान शरीर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र छात्राओं के काम आ जाए और उसकी सामाजिक उपयोगिता बढ़ जाए तो इससे बढ़कर दान कोई और नहीं। उन्होंने कहा कि इससे समाज को प्रेरणा मिलती है कि वह जीवित रहने के साथ मृत्यु के पश्चात भी समाज के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं। इस दौरान प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह ने सभी अतिथियों का आभार जताया। बौद्ध कम्यून इंटरनेशनल संस्था के एमडी डा। जीएस शाक्य ने भी प्रेरणादायी विचार व्यक्त किए। एनाटामी विभाग के डा। बादल ङ्क्षसह, पैथालाजी विभागाध्यक्ष डा। वत्सला मिश्रा, डा। एके ङ्क्षसह ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के तमाम छात्र भी उपस्थित रहे।