प्रयागराज (ब्‍यूरो)। साइबर क्रिमिनल किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। और इतनी सफाई से कि कोई भी बचने का मौका नहीं मिलता है। ताजा मामला सीआरपीएफ के रिटायर कमांडेंट का है। रिटायर कमांडेंट को मुंबई से फोन कर ठग लिया गया। फोन करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच मुंबई का अफसर बताया। जब तक कमांडेंट की समझ में ठगी का मामला आता तब तक देर हो चुकी थी। रिटायर कमांडेंट ने पुलिस अफसरों से शिकायत की। इसके बाद धूमनगंज थाने में केस दर्ज किया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है.सीआरपीएफ के रिटायर कमांडेंट उमेश बाबू मिश्र ट्रांसपोर्ट नगर में रहते हैं। उमेश बाबू के पास 23 अगस्त को मुंबई से फोन आया। फोन करने वालें ने कहा कि आपकी गाड़ी का चालान हो गया है। आप मोबाइल पर एक दबाएं। मोबाइल पर उमेश बाबू ने एक दबाया तो कॉल दूसरे के साथ कनेक्ट हो गई। दूसरे शख्स ने खुद को मुंबई आरटीओ कार्यालय का अफसर बताया। इसके बाद उसने आधार नंबर पूछा। उसने बताया कि आपका केस मुंबई क्राइम ब्रांच में दर्ज हुआ है।

16 अगस्त को एक्सीडेंट होने की बात बताई
आपकी गाड़ी से 16 अगस्त को एक्सीडेंट हुआ है। इसके बाद उसने मुंबई क्राइम ब्रांच से बात करने की बात कहकर कॉल फारवर्ड कर दी। तीसरा शख्स कॉल से जुड़ा तो उसने उमेश बाबू से आधार नंबर मांगा। उमेश बाबू ने उसके बताए नंबर पर अपना आधार नंबर व्हाट्स एप कर दिया। उमेश बाबू को बताया गया कि इस आधार नंबर पर मुंबई में कई बैंक एकाउंट खुले हैं। उन एकाउंट में हवाला से करोड़ों रुपये काला धन आया है। आप जांच के लिए मुंबई आ जाइए या ऑन लाइन बैंक स्टेटमेंट भेज दीजिए। फोन पर बात कर रहे शख्स ने जांच के लिए 88325 रुपये आरबीआई के एक खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा। इसके बाद उमेश बाबू को बैंक एकाउंट नंबर भेजा गया। उमेश बाबू ने रकम बैंक एकाउंट में भेज दी। कुछ देर बाद उमेश बाबू की समझ में आया कि उनके साथ ठगी हो गई। इस पर उन्होंने साइबर क्राइम के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई। फिर पुलिस अफसरों से लिखित शिकायत की। अफसरों के निर्देश पर धूमनगंज थाने में केस दर्ज किया गया है।