Allahabad: हिंदी ब्लॉगिंग के माध्यम से समाज और साहित्य को नई दिशा देने वाली शहर की ब्लॉगर दंपति को अंतरराष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाएगा। यह उपलब्धि पाने वाले डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव और उनकी वाइफ आकांक्षा यादव को क्रमश: परिकल्पना साहित्य व परिकल्पना ब्लॉग विभूषण सम्मान के लिए चुना गया है। दोनों को नेपाल की राजधानी काठमांडू में सितंबर में ऑर्गनाइज एक समारोह के दौरान यह पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.
पांच साल में रचा इतिहास
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहर को नई पहचान देने वाले कृष्ण कुमार और आकांक्षा यादव ने वर्ष 2008 से ब्लॉग जगत में कदम रखा था और महज पांच साल के भीतर ही लगन और मेहनत के बल पर उन्होंने कई कीर्तिमान रच डाले। उन्होंने विभिन्न विषयों पर आधारित कई ब्लॉग का संचालन व संपादन करके कई लोगों को ब्लॉगिंग की ओर आकर्षित किया। पिछले वर्ष ही इस दंपति को यूपी के सीएम अखिलेश यादव द्वारा न्यू मीडिया ब्लॉगिंग हेतु अवध सम्मान व हिंदी ब्लॉगिंग के दस साल पूरे होने पर दशक के श्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर दंपति सम्मान से नवाजा गया था। कृष्ण कुमार जहां शब्द सृजन की ओर (http://www.kkyadav.blogspot.in) और डाकिया डाक लाया (http://dakbabu.blogspot.in) ब्लॉग के जरिए सक्रिय हैं वहीं आकांक्षा यादव शब्द शिखर (http://shabdshikhar.blogspot.in) के माध्यम से लोकप्रिय हैं। इसके अलावा यह दंपति सप्तरंगी प्रेम, बाल दुनिया और उत्सव के रंग ब्लॉग का भी मिलकर संचालन कर रही है.
राजभवन में होंगे सम्मानित
इस दंपति को दोनों सम्मान 13 व 14 सितंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू के राजभवन में अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में प्रदान किए जाएंगे। उन्हें स्मृति चिंह, सम्मान पत्र, श्रीफल, पुस्तकें, अंगवस्त्र सहित निश्चित धनराशि भी दी जाएगी। गौरतलब है कि इस दंपति की विभिन्न विधाओं में रचनाएं देश-विदेश की अधिकतर प्रतिष्ठित मैगजीन, न्यूज पेपर, इंटरनेटर, वेब मैगजीन व ब्लॉग पर पब्लिश होती रहती हैं। कृष्ण कुमार की छह कृतियां अभिलाषा, अभिव्यक्तियों के बहाने, अनुभूतियां और विमर्श, इंडिया पोस्ट:150 ग्लोरियस ईयर्ज व क्रांति यज्ञ:1857-1947 की गाथा, जंगल में क्रिकेट पब्लिश हो चुकी हैं वहीं आकांक्षा यादव की एक मौलिक कृति चांद पर पानी ने काफी लोकप्रियता बटोरी है। दोनों के ब्लॉग सामयिक विषयों, मर्मस्पर्शी कविताओं, शोधपूर्ण आलेखों, नारी विमर्श, बाल विमर्श और नारी सशक्तिकरण के लिए जाने जाते हैं.
पांच साल में रचा इतिहास
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहर को नई पहचान देने वाले कृष्ण कुमार और आकांक्षा यादव ने वर्ष 2008 से ब्लॉग जगत में कदम रखा था और महज पांच साल के भीतर ही लगन और मेहनत के बल पर उन्होंने कई कीर्तिमान रच डाले। उन्होंने विभिन्न विषयों पर आधारित कई ब्लॉग का संचालन व संपादन करके कई लोगों को ब्लॉगिंग की ओर आकर्षित किया। पिछले वर्ष ही इस दंपति को यूपी के सीएम अखिलेश यादव द्वारा न्यू मीडिया ब्लॉगिंग हेतु अवध सम्मान व हिंदी ब्लॉगिंग के दस साल पूरे होने पर दशक के श्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर दंपति सम्मान से नवाजा गया था। कृष्ण कुमार जहां शब्द सृजन की ओर (http://www.kkyadav.blogspot.in) और डाकिया डाक लाया (http://dakbabu.blogspot.in) ब्लॉग के जरिए सक्रिय हैं वहीं आकांक्षा यादव शब्द शिखर (http://shabdshikhar.blogspot.in) के माध्यम से लोकप्रिय हैं। इसके अलावा यह दंपति सप्तरंगी प्रेम, बाल दुनिया और उत्सव के रंग ब्लॉग का भी मिलकर संचालन कर रही है।
राजभवन में होंगे सम्मानित
इस दंपति को दोनों सम्मान 13 व 14 सितंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू के राजभवन में अंतरराष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में प्रदान किए जाएंगे। उन्हें स्मृति चिंह, सम्मान पत्र, श्रीफल, पुस्तकें, अंगवस्त्र सहित निश्चित धनराशि भी दी जाएगी। गौरतलब है कि इस दंपति की विभिन्न विधाओं में रचनाएं देश-विदेश की अधिकतर प्रतिष्ठित मैगजीन, न्यूज पेपर, इंटरनेटर, वेब मैगजीन व ब्लॉग पर पब्लिश होती रहती हैं। कृष्ण कुमार की छह कृतियां अभिलाषा, अभिव्यक्तियों के बहाने, अनुभूतियां और विमर्श, इंडिया पोस्ट:150 ग्लोरियस ईयर्ज व क्रांति यज्ञ:1857-1947 की गाथा, जंगल में क्रिकेट पब्लिश हो चुकी हैं वहीं आकांक्षा यादव की एक मौलिक कृति चांद पर पानी ने काफी लोकप्रियता बटोरी है। दोनों के ब्लॉग सामयिक विषयों, मर्मस्पर्शी कविताओं, शोधपूर्ण आलेखों, नारी विमर्श, बाल विमर्श और नारी सशक्तिकरण के लिए जाने जाते हैं.
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