मेंटीनेंस चार्ज तीन गुना बढ़ाए जाने और सुविधाएं न मिलने से नाराज हैं इंड्रस्टलिस्ट

PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी ने नैनी इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित कंपनियों के प्रोडक्शन और काम पर बड़ा प्रभाव डाला है। कंपनियों के सामने खुद सर्वाइवल का संकट मंडरा रहा है। इस चैलेंज को फेस कर रही इंडस्ट्रीज के सामने मेंटीनेंस चार्ज के नाम पर एक और चैलेंज आकर खड़ा हो गया है। इंडस्ट्रियल एरिया की सड़कों पर बड़े-बड़े गढ्डे हैं। नाली चोक है। स्ट्रीट लाइट जलती नहीं। सफाई व्यवस्था भी ध्वस्त है। इसके बाद भी मेंटेनेंस चार्ज बढ़ा दिया जाना उद्यमियों को रास नहीं आ रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने शनिवार को इसी मुद्दे पर प्रयागराज के उद्यमियों से बात की।

सरकार से उद्यमियों की मांग

इंडस्ट्रीज पर से ओवरहेड्स हटाया जाए

बिजली के फिक्स चार्ज हटाये जाएं

जितनी बिजली यूज हो रही है केवल उसी का पेमेंट लिया जाय

इंडस्ट्रियल स्टेट में नाले चोक हैं तो पानी कहां जा रहा है

इंडस्ट्रियल एरिया में कहीं भी स्ट्रीट लाइट नहीं जलती है

सड़कों की हालत खराब है। एक-दो वीआईपी इंडस्ट्री की सड़क बन जाती है, बाकी को छोड़ दिया जाता है।

क्यों है उद्यमियों की नाराजगी

24 रुपये स्क्वायर मीटर के हिसाब से मेंटीनेंस चार्ज लिया जा रहा है, इसका हिसाब मिलना चाहिए कि खर्च कहां हो रहा है

चार्ज बढ़ाया गया तो फिर सुविधाएं क्या बढ़ाई गई, ये कौन बताएगा

एक रुपये का मेंटीनेंस नहीं हो रहा है। रोड भी नहीं बनवाया जा रहा है।

रास्ते में लाइट न होने से डेली चोरी हो रही है। नुकसान उद्यमी उठा रहे हैं

शासन को पत्र लिखा गया, लेकिन जवाब नहीं आया

उद्यमियों ने कहा कि उन्हें जो भी प्लाट एलॉट हुआ है, उसका हर इंच एरिया मेंटेनेंस चार्ज के दायरे में है।

20 बाई 80 का प्लाट है तो सामना 20 फीट का है। मेंटीनेंस तो 20 फिट एरिया में ही देंगे तो फिर मल्टीप्लाई करके चार्ज क्यों

प्लाट के अंदर का मेंटीनेंस तो उद्यमी खुद देखता है तो चार्ज क्यों लिया जा रहा है?

उद्यमी तो अब खत्म हो ही चुके हैं। मंत्री, विधायक, सांसद सब कहते हैं कि हम एमएसएमई के साथ खड़े हैं। लेकिन, कोई ये बताए कि एमएसएमई के लिए क्या किया? हर स्तर पर बात रखी गई। नोटिस भेजने का अधिकार है, लेकिन शिकायतों की सुनवाई नहीं होती है।

विनय कुमार टंडन

अध्यक्ष, ईस्टर्न चैम्बर ऑफ कॉमर्स

मेंटीनेंस चार्ज इसलिए दिया जा रहा है ताकि एरिया मेंटेन रहे। सड़कें अच्छी हों। स्ट्रीट लाइटें जलती रहें। नाली-नाले से पानी की निकासी बेहतर हो। पर्याप्त मात्रा में पानी की आपूर्ति मिले। इसके विपरीत मेंटेनेंस चार्ज से कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है। केवल सैलरी देने के लिए मेंटेनेंस चार्ज ले रहे हैं यूपीएसआईडीसी ऑफिस ही बंद कर देना चाहिए।

आशीष केसरवानी

करीब दो वर्षो से मेंटीनेंस चार्ज को लेकर यूपीएसआईडीसी का उद्यमियों से झगड़ा चल रहा है। प्राइज इंडेक्स के हिसाब से काफी कम रेट आता है। उस पर कोई बात ही नहीं होती है। लीज रेंट पे किया जा रहा है। मेंटीनेंस लोग पे नहीं करते हैं, क्योंकि विवाद चल रहा है।

दिनेश कुंद्रा, त्रिवेणी इलेक्ट्रोप्लास्ट

नैनी