प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बिशप जानसन गल्र्स विंग में साढ़े चार गबन के मामले की जांच का आदेश कोर्ट ने जारी किया है। कोर्ट ने आदेश जारी कर कहा है कि पुलिस कमिश्नर मामले की जांच किसी राजपत्रित अधिकारी से कराएं। कोर्ट ने जांच आख्या 11 नवंबर तक पेश करने का आदेश जारी किया है।


डायसिस ऑफ लखनऊ के पूर्व सचिव रेव रेंट प्रवीण मैसी के द्वारा धारा 156 (3) के तहत दी गई अर्जी पर अधिवक्ता अंबिकेश्वर मिश्र ने अपना पक्ष रखा। मामले की सुनवाई विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ। लकी ने की। कोर्ट ने कहा कि आवेदक ने अपने प्रार्थना पत्र के साथ आरोपों की पुष्टि के लिए कई कागजातों की प्रतियां दाखिल की हैं। जिसमें साढ़े चार करोड़ रुपये गबन का आरोप लगाया गया है। प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों के संबंध में जांच कराया जाना न्यायिक रूप से आवश्यक है।


कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को आदेशित किया है कि वह अपने अधीनस्थ किसी राजपत्रित पुलिस अधिकारी से जांच कराया जाना सुनिश्चित करें।


कोर्ट में दी गई अर्जी में आरोप लगाया गया है कि पीटर बलदेव ने बेटी पारुल सोलोमन एवं अन्य अज्ञात के साथ सोची समझी कपटपूर्ण चाल से डायसिस ऑफ लखनऊ का चेयरमैन पद हासिल किया। तीन लोगों को फर्जी चयनकर्ता बनाया। इसके बाद अपनी बेटी पारुल सोलोमन को बिशप जानसन गल्र्स कॉलेज का नियम विरुद्ध प्रधानाचार्य बनाया। जबकि ऐसा करने का अधिकार पीटर बलदेव के पास नहीं था। पारुल सोलोमन बिशप जानसन मैन विंग में अध्यापिका थी। पारुल सोलोमन ने अपनी नियुक्ति कराकर अनुचित लाभ प्राप्त किया है। आरोप है कि विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों की फीस काउण्टर पर नकद लेकर उसे विद्यालय के खाते में जमा नहीं की जा रही है।