आइनेक्स्ट रियलिटी चेक

-सिविल लाइंस डिपो में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में दिखा परिवहन निगम के एमडी राजशेखर के आदेश का उल्लंघन

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PRAYAGRAJ: यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे के बाद परिवहन निगम के एमडी राजशेखर ने गत 17 जुलाई को सिविल लाइंस डिपो का निरीक्षण किया था। जिसमें उन्होंने ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए वर्दी पहनना अनिवार्य किया था तो बसों में फ‌र्स्ट एड बॉक्स को भी अनिवार्य रूप से रखने का आदेश दिया था। तीन सौ किमी से अधिक लम्बी रूट पर जाने वाली बसों को पूरी तरह से चेक किए जाने का आदेश दिया था। इन आदेशों को कितना अमलीजामा पहनाया गया इसको लेकर शनिवार को सिविल लाइंस डिपो में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बसों का रियल्टी चेक किया तो ऐसा लगा कि साहब के जाते ही उनका आदेश भी चला गया।

केस वन

दोपहर 11.48 बजे, सिविल लाइंस डिपो

प्रयाग डिपो की फतेहपुर जाने वाली बस का ड्राइवर बिना वर्दी के मिला और कंडक्टर भी ड्रेस कोड में नहीं था। ड्राइवर की सीट के पीछे फस्ट एड बॉक्स नहीं मिला। इस बस में पैंतीस यात्री सवार थे। ड्राइवर ने वर्दी नहीं पहनने के सवाल पर कहा कि अभी वह नया है। इसके बाद उसने धीरे-धीरे बस को बढ़ाना शुरू कर दिया। कंडक्टर ने वर्दी न पहनने के सवाल पर कहा कि टिकट दें की आपकी बातों का जवाब दें।

केस दो

दोपहर 12.05 बजे

प्रयाग डिपो की बस गोंडा की ओर जाने के लिए सवारियां भर रही थी। बस में ड्राइवर बिना वर्दी का मिला। जब उससे फस्ट एड बॉक्स के बारे में जानकारी ली तो उसने सकपका कर कहा कि कंडक्टर के पास फस्ट एड बॉक्स है। अगले ही पल उसने कहा कि यह देखिए अग्नि शमन यंत्र अच्छी तरीके से रखा गया है। वहीं कंडक्टर भी इस बस में बिना वर्दी के साथ बस में सवार था।

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तीन सौ किमी से अधिक दूरी की बसों की हकीकत

एक-

हम खुद करते हैं चेक

दोपहर 12.30 बजे लीडर रोड डिपो की बस में चेक लिस्ट की पड़ताल की गई। यह बस दिल्ली की ओर जाने वाली थी। ड्राइवर ड्रेस कोड में नहीं था। पूछने पर उसने बताया कि अभी मुझे ड्रेस नहीं मिली है। वहीं तीन सौ किमी से अधिक दूरी थी तो दूसरे ड्राइवर के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि अभी दूसरा ड्राइवर बाहर गया है। कंडक्टर भी बिना वर्दी के मिला। जब चेक लिस्ट में सभी सुविधाएं ओके होने की बात पूछी गई तब ड्राइवर ने कहा कि राजापुर वर्कशाप से निकलते समय हमने खुद बस की स्टेयरिंग चेक की है। हेड लाइट, ब्रेक लाइट और साफ सफाई सब ओके है।

दो-

सरकार ने फस्ट एड बॉक्स नहीं दिया

लीडर रोड लोहिया ग्रामीण सेवा डिपो की बस दिल्ली की ओर जाने वाली थी। यहां पर भी ड्राइवर वर्दी में नहीं था, कंडक्टर भी बिना वर्दी पहने हुआ था। ड्राइवर से पूछने पर जवाब मिला कि सरकार ने फस्ट एड बॉक्स नहीं दिया है तो वर्दी कैसे मिल जाती। चेक लिस्ट में सभी सुविधाओं के बारे में पूछने पर जवाब मिला कि वर्कशाप में सभी सुविधा ओके होने के बाद डिपो से बस लेकर जा रहे हैं। क्योंकि वर्कशाप के रजिस्ट्रर में सब कुछ ओके किया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य

-प्रयागराज रीजन के सभी डिपो में ड्राइवर के लिए चाहे वह रेगुलर हो या संविदा पर हर किसी को शर्ट व पैंट खाकी कलर का पहनना अनिवार्य किया गया है तो कंडक्टरों को ब्लू शर्ट व पैंट वर्दी के रूप में पहनने का आदेश है।

-सिविल लाइंस डिपो में रेगुलर ड्राइवर 50 और संविदा वाले 92 हैं। जबकि रेगुलर कंडक्टर 62 और संविदा कंडक्टर 145 हैं।

-प्रयाग डिपो में रेगुलर ड्राइवरों की संख्या 52 और संविदा ड्राइवर 153 हैं। रेगुलर कंडक्टर 74 हैं और संविदा कंडक्टरों की संख्या 146 है।

-लीडर रोड डिपो में रेगुलर ड्राइवर 50 और संविदा ड्राइवरों की संख्या 95 है। रेगुलर कंडक्टर 55 और संविदा कंडक्टरों की संख्या 80 है।

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वर्जन

सिविल लाइंस डिपो से सिविल लाइंस, प्रयाग और लीडर रोड डिपो की बसों का संचालन होता है। मुख्यालय से अभी तक पचास फीसदी रेगुलर और संविदा ड्राइवरों और कंडक्टरों को वर्दी मिल पाई है।

वीके सिंह, स्टेशन प्रभारी सिविल लाइंस डिपो

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वर्जन

सभी डिपो में ड्राइवरों और कंडक्टरों को वर्दी का वितरण किया जा रहा है। जैसे-जैसे मुख्यालय से सामग्री मिल रही है उसी हिसाब से वर्दी अनिवार्य की जा रही है। लम्बी दूरी की बसों में आदेश का पालन नहीं हो रहा है तो तो उसका पता लगाया जाएगा कि ऐसा क्यों हो रहा है।

टीकेएस बिसेन, आरएम प्रयागराज रीजन