प्रयागराज ब्यूरो ।पुलिस कमिश्नरेट गंगानगर का रूदापुर गांव अपराधियों का गढ़ है। रूदापुर का खौफ पूरे गंगानगर एरिया में दूर दूर तक है। इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि अकेले रूदापुर गांव में पांच हिस्ट्रीशीटर हैं। इसके अलावा दबंगों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। रूदापुर गांव की दहशत का आलम ये है कि पुलिस भी इस गांव में जाने से दहशत खाती है। ये बात दीगर है कि बदले माहौल में संदीप पाल के हत्यारे मो.अर्श से पुलिस ने मुठभेड़ कर लिया। वरना यहां के आरोपित के खिलाफ जल्द पुलिस केस भी नहीं दर्ज करती थी।
रूदापुर गांव एक बार फिर चर्चा में है। इस गांव में युवकों की फौज अपनी दबंगई के लिए जानी जाती है। बाइकों का जुलूस निकालने वाले युवकों की दहशत से लोग घबराते हैं। मलाकहरहर से लेकर शांतिपुरम चौराहा तक रूदापुर गांव के युवकों का एक छत्र राज्य चलता है। मजाल है कि कोई विरोध कर दे। दुकानदारों से लेकर टेंपों चालकों में दहशत का आलम ये रहता है कि कोई भी दबंगों से पैसा नहीं मांगता है।

मारपीट करना आम बात
रूदापुर गांव के युवकों के लिए मारपीट करना आम बात है। राह चलते लोगों से मारपीट पर अमादा युवक किसी से भी उलझ जाते हैं। जिसका नतीजा है कि रूदापुर का नाम आते ही लोग पीडि़त होने के बावजूद खामोश हो जाते हैं।

पांच हिस्ट्रीशीटर हैं गांव में
झुमक लाल रूदापुर का रहने वाला है। इसके खिलाफ पहला केस 1977 में दर्ज किया गया था। झुमक लाल ने दहशत का ऐसा आलम पैदा किया कि तात्कालीन सोरांव थाने में इसकी हिस्ट्रीशीट खोलनी पड़ी् इस गांव के खुर्शीद अहमद और जैद अहमद बेहद शातिर अपराधी हैं। खुर्शीद अहमद हत्या के दो और गैंगेस्टर एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज है। जबकि जैद अहमद के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास समेत कई केस दर्ज हैं। लल्लू उर्फ परवेज के खिलाफ हत्या का केस दर्ज है तो कलीम अहमद के खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास के कई केस दर्ज हैं।

आंखें निहारती रहीं संदीप के आने का रास्ता
रविवार रात बम मारकर हुई थी संदीप की हत्या
प्रयागराज
रविवार रात संदीप पाल की हत्या हो गई। सोमवार को उसका अंतिम संस्कार भी हो गया। मगर घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद भी उसकी मां रीता की आंखें बेटे के आने के इंतजार में रास्ते को निहारती रहीं। तीन दिन बीत गया मगर अभी तक मां के हलक से एक दाना भी अन्न गले से नीचे नहीं उतरा है। रोते रोते मां की आंखों से आंसू तो सूख गए हैं मगर जब बेटे की याद सताती है तो मां बदहवास हो जाती है। बीमार पिता संतोष पाल का बुरा हाल है।

टूट गया संदीप की शादी का सपना
संदीप पाल ने दूध का धंधा शुरू करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। कारोबार अच्छा चला तो माली हालत में सुधार हुई। पिता संतोष पाल की तबियत अक्सर खराब रहती है। संदीप ने न केवल घर को संभाला बल्कि एरिया में अपने व्यवहार से लोगों को अपना मुरीद भी बना लिया। उसके विनम्र व्यवहार का नतीजा रहा कि घटना के तीसरे दिन मंगलवार को भी लोगों का आना जाना उसके घर पर लगा रहा। मां रीता किसी से बात नहीं कर रही है तो पिता हर आने जाने वाले से यही कहते रहे कि संदीप की शादी हो जाती, उसका भी घर बस जाता तो ठीक रहता है। पता नहीं भगवान ने क्यों उसे छीन लिया।
चाचा परमानंद भी घटना से बेहद सदमे में हैं। चाचा परमानंद ने बताया कि पूरे परिवार को संदीप से बेहद उम्मीद थी। मगर संदीप की मौत ने सारी उम्मीदों को खाक कर दिया।

नजीर बन गई अर्श पर कार्रवाई
संदीप की हत्या के बाद सात घंटे के अंदर आरोपित अर्श उर्फ बुल्ले का मुठभेड़ में गिरफ्तार हो जाने की घटना नजीर बन गई है। दबी जुबान से लोगों ने कहा कि ये पहला मामला है जब पुलिस ने घटना के बाद आननफानन में कार्रवाई की है।


क्षेत्र के सभी आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को चेताया गया है कि अगर उन्हें कोई समस्या है तो पुलिस से शिकायत करें। खुद कानून को हाथ में लेने की कोशिश की तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
- प्रवीण गौतम, इंस्पेक्टर फाफामऊ थाना