प्रयागराज (ब्‍यूरो)। रेलवे अपने रनिंग स्टॉफ को टेंशन मुक्त रखने के लिए उनकी पत्नियों की मदद ले रहा है। रेलवे का मानना है कि रनिंग स्टॉफ पर जिम्मेदारी बहुत होती है। उनका टेंशन में आना ठीक नहीं है। एक तो काम का प्रेशर दूसरा पसर्नल लाइफ की टेंशन से रनिंग स्टॉफ की कार्य क्षमता प्रभावित हो सकती है। जिसका असर उनकी ड्यूटी पर पड़ सकता है। टेंशन में रनिंग स्टॉफ कोई ऐसी गलती कर सकता है, जिसका खामियाजा रेलवे और यात्रियों को भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में रेलवे रनिंग परिवार के जरिए रनिंग स्टॉॅफ की फैमिली को अवेयर कर रहा है। बकायदा इसके लिए समय समय पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि रनिंग स्टॉफ को उनकी फैमिली का भी सहयोग मिल सके।

रनिंग स्टॉफ की टफ है जॉब
रेलवे के रनिंग स्टॉफ की जॉब बहुत टफ है। रनिंग स्टॉफ में लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर शामिल हैं। यूं तो रनिंग स्टॉफ की ड्यूटी आठ घंटे की होती है, मगर किन्हीं न किन्हीं कारणों से ड्यूटी ऑवर बढ़ जाता है। जिससे रनिंग स्टॉफ पर काम का दबाव रहता है। ऐसे में जब वह घर पहुंचते हैं तो वहां पर अगर माहौल ठीक नहीं रहता है तो दोबारा ड्यूटी आने पर टेंशन से मानसिक स्थिति प्रभावित होने का खतरा पैदा हो जाता है। जिसका असर कार्य क्षमता पर पडऩे से इंकार नहीं किया जा सकता है। लोको पायलट पर ट्रेन को चलाने की जिम्मेदारी होती है और ट्रेन मैनेजर पर ट्रेन के संचालन की। लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के एक गलत निर्णय से हजारों रेल यात्रियों की जिंदगियों पर खतरा मंडरा सकता है। ऐसे में रेलवे का प्रयास है कि रनिंग स्टॉफ को उनका परिवार टेंशन फ्री रखे।

रनिंग स्टॉफ के पत्नियों से अपेक्षा
- परिवार के सदस्य विवाद न करें।
- घर की समस्याओं का समाधान आपस में करें।
- परिवार जिम्मेदारियों को खुद निभाए।
- रनिंग स्टॉफ को टेंशन फ्री होने में मदद करें।
- रनिंग स्टॉफ को घर में अच्छा माहौल दें।
- रनिंग स्टॉफ के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
- छोटी छोटी बातों के लिए टोंका टाकी न करें।
- रनिंग स्टॉफ को स्वस्थ्य रहने के लिए प्रेरित करें।
- परिवार के सदस्य रनिंग स्टॉफ के खाने पीने का ध्यान रखें।

रनिंग परिवार करता है अवेयर
रेलवे ने रनिंग स्टॉफ के सहयोग के लिए रनिंग परिवार बनाया है। जिसमें रनिंग स्टॉफ के घरवाले शामिल रहते हैं। खासतौर से उनकी पत्नियां और बच्चे। हालांकि इसमें बड़ा रोल रनिंग स्टॉफ की पत्नियों का है। समय समय पर रेलवे का रनिंग परिवार ऐसे जागरुकता के कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसमें रनिंग स्टॉफ की पत्नियों को तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई जाती है। उन्हें बताया जाता है कि कैसा माहौल घर का रखें कि जब रनिंग स्टॉफ अपने घर से ड्यूटी पर जाने के लिए निकले तो वह टेंशन फ्री रहे।

17 सौ ट्रेन मैनेजर हैं प्रयागराज मंडल में

6 हजार पायलट, असिस्टेंट पायलट एवं अन्य रनिंग स्टॉफ

8 घंटे की तय होती है रनिंग स्टॉफ की ड््यूटी


कोट
रनिंग परिवार का कांसेप्ट है कि रनिंग स्टॉफ को उनके परिवार का पूरा सपोर्ट मिले। चूंकि ड्यूटी ऑवर में रनिंग स्टॉफ पर बहुत दबाव होता है। इसके बाद यदि घर का माहौल ठीक नहीं है तो इससे रनिंग स्टॉफ को दिक्कत हो सकती है। जिससे उनकी कार्य क्षमता प्रभावित होने से इंकार नहीं किया जा सका है। इसके लिए रनिंग परिवार का कांसेप्ट बनाया गया है। जिसके जरिए रनिंग स्टॉफ की फैमिली को अवेयर किया जाता है।
अमित मालवीय, जनसम्पर्क अधिकारी