- ट्रैफिक चौराहे से बाबा चौराहे तक आए दिन जाम की समस्या से परेशान रहते हैं लोग

- सड़क व पटरी पर ठेले लगाकर बेचते हैं सब्जी

- सब्जी खरीदने के चक्कर में रोड पर ही खड़े होते हैं वाहन, लगता है जाम

प्रयागराज- शहर में जाम और अतिक्रमण की समस्या सिटी की सभी मार्केट में है। शायद ही ऐसा कोई मार्केट हो, जहां पर जाम की समस्या न दिखे। हालांकि इससे सबसे ज्यादा परेशान व्यापारी होते हैं, जो लाखों रुपए पगड़ी देकर किराये पर दुकान लेते हैं। जाम के कारण कस्टमर्स इन मार्केट में जाने से बचते हैं। ऐसे में दुकानदारों को नुकसान का सामना करना पड़ता है।

दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की कैंपेन मेरी सड़क खाली करो के दौरान जाम की समस्याओं का कारण पता लगाने की कोशिश की गई। पड़ताल में पता चला कि जाम का सबसे बड़ा कारण रोड और पटरी पर लगने वाली दुकाने हैं। सड़कों व रोड की पटरी पर ठेला लगाने से परमानेंट दुकानदारों को तो परेशानी होती है साथ में वहां से गुजरने वाली पब्लिक को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं कारणों का शिकार ट्रैफिक चौराहा से बाबा चौराहा की ओर जाने वाली रोड का भी है।

मेन रोड पर ही खड़ा करते हैं वाहन

ट्रैफिक चौराहा से बाबा चौराहा तक जाने वाली रोड पर स्थित दुकानों के सामने ही हर तरफ ठेलों और खुमचों की भरमार रहती है। खासतौर पर दोपहर बाद से ही रोड पर ठेलों पर लगने वाली सब्जी मंडी के कारण जाम की समस्या लगातार बनी रहती है। इन सब्जी के ठेलों से सामान लेने वाले लोग सड़कों पर ही अपने वाहन खड़ा कर देते हैें। जिसके बाद चलने के लिए रोड लगभग खत्म हो जाती है। ऐसे में हर समय जाम की समस्या बनी रहती है। जाम का नुकसान सबसे अधिक लाखों रुपए पगड़ी देकर किराये पर दुकानदार को उठाना पड़ता है। इन दुकानदारों का कहना है कि ज्यादातर रोड पर ठेले पर सब्जी या अन्य खाने पीने की दुकान लगाने वाले मकान मालिक को किराया देते हैं। जिसके कारण उन्हें दुकान के सामने ही रोड पर ठेला लगाने की इजाजत मिल जाती है। ऐसे में दुकानदार चाहकर भी इन ठेले वालों को मना नहीं कर पाते हैं। जबकि दुकानदार भी जानते हैं कि इसके कारण लगने वाले जाम का सीधा नुकसान उनके व्यापार पर पड़ता है।

स्कूल खुलने पर ज्यादा खराब हो जाती है हालत

रोड पर ही दो बड़े स्कूल स्थित है। मार्केट के बीच में स्कूल होने के कारण छुट्टियों के समय जाम की समस्या सबसे ज्यादा विकट हो जाती है। स्कूल वैन को भी घंटों मशक्कत करनी पड़ती है। हालांकि इस समय स्कूलों में जूनियर सेक्शन बंद है। सीनियर सेक्शन में भी स्टूडेंट्स की संख्या भी कम है। जिससे जाम से आम दिनों के मुकाबले अभी थोड़ी राहत है।

- रोड की हालत ये रहती है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। फोर व्हीलर लेकर चलने वालों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में जाम लगने से हम जैसे दुकानदारों के यहां आने वाले कस्टमर्स लौट जाते हैं। जिससे सीधा नुकसान बिजनेस का होता है।

हस्सान खान

- जाम की समस्या की स्थिति ऐसी है कि कस्टमर्स होम डिलेवरी के लिए बार-बार कहता है। हर कस्टमर को होम डिलेवरी नहीं करा सकते हैं। ऐसे में कई बार कस्टमर को मना करना पड़ता है। जिससे नुकसान होता है।

सज्जन किशोर

कृष्णा स्टेश्नरी

- पक्की दुकान वालों को ही सबसे अधिक परेशानी होती है। ठेलों पर दुकान चलाने वाले आगे पीछे करके अपना काम चला लेते हैं। लेकिन जिनकी दुकान है, उनको किराया आदि का खर्च निकालने में भी दिक्कत होती है।

राहुल वर्मा, श्याम ज्वैलर्स