माघी पूर्णिमा स्नान के बाद संगम पर चल रहे माघ मेले का समापन

हरिद्वार में कुंभ की तैयारी के लिए संगम से सीधे रवाना हुआ संतों का काफिला

उजड़ने लगे शिविर, कल्पवासी भी जाने लगे अपने घर

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PRAYAGRAJ: कोरोना महामारी के बीच आयोजित माघ मेला का माघी पूर्णिमा के साथ ही कल्पवास भी खत्म हो गया। इसके साथ ही यहां से लोगों के अपने घरों के लिए रवाना होने का सिलसिला संडे को भी जारी रहा। वहीं माघ मेले के दौरान पूरे माह रहने वाले संतों संगम नगरी से अपने आश्रम जाने के बजाए सीधे हरिद्वार के लिए रवाना होने लगे। जबकि कई संत और महात्मा शनिवार को ही संगम नगरी से हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। संत महात्माओं ने बताया कि हरिद्वार में लगने वाले कुंभ की तैयारियों के लिए ज्यादा समय नहीं है। ऐसे में वहां पर समय से पहुंचना और जमीन आवंटन से लेकर व्यवस्थाओं को सही प्रकार से कराने के लिए समय कम है। यही कारण है कि संगम की रेती से सीधे हरिद्वार के लिए रवाना हो रहे है।

प्रमुख अखाड़ों के संतों का भी पहुंचने का शुरू हो गया सिलसिला

संत और महात्माओं के साथ ही प्रमुख अखाड़ों के संतों व उनके प्रतिनिधियों के भी हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। चरखी दादरी आश्रम के दंडी स्वामी ब्रम्हाश्रम जी महाराज ने बताया कि वह शनिवार को ही संगम नगरी से हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। साकेतधाम आश्रम के जगतगुरु विनैका बाबा ने बताया कि माघी पूर्णिमा तक आश्रम के शिविर में लगातार अन्न क्षेत्र चल रहा था। ऐसे में तब तक जाना संभव नहीं था। अब माघी पूर्णिमा खत्म होने के बाद हरिद्वार के लिए रवाना हो रहे हैैं। वहीं किन्नर अखाड़ा की ओर से भी कई संत हरिद्वार पहुंच चुके हैं। जिससे वहां की तैयारियों को फाइनल कराया जा सके।