प्रयागराज ब्यूरो । संगम की रेत पर बसे तंबुओं के शहर में तमाम संत महात्मा पहुंचे हैं। आस्था और विश्वास के केंद्र में बसे महात्माओं को एक अदद सुरक्षा की चाह है। वह अपनी सुरक्षा के लिए गनर की डिमांड कर रहे हैं। इसके लिए उनके जरिए बाकायदे लिखित मांग मेला पुलिस से की गई है। जबकि मेला क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात हैं। सिक्योरिटी गार्ड के लिए प्राप्त एप्लीकेशनों की संख्या दो-तीन नहीं दर्जनों में हैं। दिनों-दिन महात्माओं की यह डिमांड बढ़ती जा रही है। गार्ड इश्यू करने के पूर्व अफसरों ने प्रक्रियाएं कम्प्लीट करना शुरू कर दिया है। एप्लीकेशन के आधार पर अधिकारियों के जरिए एलआईयू से रिपोर्ट मांगी गई है। एलआईयू की रिपोर्ट मिलने के बाद ही आवेदन करने वाले संतों को मेला पुलिस प्रशासन के द्वारा गार्ड दिए जाएंगे।

मेला में बने हैं 14 अस्थाई थाने
इस बार माघ मेला को संगम की रेत पर करीब 770 हेक्टेयर में बसाया गया है। यह क्षेत्रफल पिछले वर्षों की अपेक्षा कहीं ज्यादा है। मेला एरिया में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस धार्मिक मेले क्षेत्र में कुल 14 अस्थायी थानों का निर्माण किया गया है। हर थाने में 40 से 50 जवानों की क्षेत्र रक्षा के लिए तैनात किया गया है। इन थानों के अंडर में करीब 41 पुलिस चौकियां भी स्थापित की गई हैं। इसके अतिरिक्त पीआरवी और होमगार्ड एवं पीआरडी के जवान भी लगाए गए हैं। मेला क्षेत्र में हर कदम पर पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। बनाई गई सड़कों से लेकर घाट तक यह जवान सुरक्षा में चौबीसों घंटे मुस्तैद रहते हैं। प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति से मेले का शुभारंभ हुआ। मेला क्षेत्र में संत महात्माओं के साथ लाखों की संख्या में श्रद्धाओं का तांता लगा हुआ है। कल्पवासियों ने भी अपने-अपने गुरुओं के बाड़े टेंट लगाकर पुण्य अर्जित करना शुरू कर दिया है। यह माघ मेला से जुड़ी एक बात है। दूसरी वह बात यह है कि मेला क्षेत्र में पहुंचे महात्मा अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। चारों तरफ सुरक्षा में फोर्स तैनात होने के बावजूद संत महात्माओं को मेला क्षेत्र में असुरक्षा की भावना सता रही है। शायद यही वजह है कि वह अपनी सुरक्षा में गनर की जरूर महसूस कर रहे हैं। इसी लिए संतों के जरिए मेला पुलिस प्रशासन से सुरक्षा के लिए गनर की मांग की जा रही है। मेला पुलिस से गनर की डिमांड करने वाले संतों की संख्या दर्जनों में है। जिनके जरिए लिखित रूप से मेला पुलिस को अपने पैड पर डिमांड लेटर दिया गया है। लिखित गनर डिमांड करने वाले संतों में प्रमुख रूप से सतुआ बाबा, नरेंद्रानन्द सरस्वती, धरानन्द महाराज, फलाहारी बाबा, अच्युत प्रपन्ना जी महाराज जैसे कई संतों के नाम बताए गए हैं। मेला पुलिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो यह वे महात्मा है जो डिमांड लेटर देने के बाद बकायदे गनर पाने के लिए पैरवी कर रहे हैं। महात्माओं की डिमांड को देखते हुए अब मेला प्रशासन यह पता लगाने में जुटा है कि असल मायने में गनर की जरूरत किसको है। यह जानकारी जुटाने के लिए आवेदन पत्रों की जांच एलआईयू से कराई जा रही है। कहा यह जा रहा कि एलआईयू की रिपोर्ट आने के बाद उसी के आधार पर महात्माओं को गनर दिया जाएगा। एलआईयू इस बात का पता लगाए गए कि जितने महात्माओं ने गनर की लिखित डिमांड की है, उन्हें जरूरत भी है या नहीं। दरअसल गनर की डिमांड कुछ ऐसे महात्माओं ने की है जिनको कभी गनर मिला ही नहीं और उन्हें इस सुविधा की जरूर भी नहीं है। जिसे गनर की जरूरत है यह बात अब एलआईयू की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा। फिलहाल सूत्रों के द्वारा बताया यह भी जा रहा कि गनर के लिए डिमांड लेटर देने वाले महात्माओं की संख्या बढ़ती ही जा रही है।

वर्जन
किसी को गनर देने के पूर्व एक कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण करना होता है। प्राप्त आवेदनों पर एलआईयू की रिपोर्ट मांगी गई है। प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर ही गनर देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मेला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। फिर भी आवश्यकता है तो डिमांड पूरी की जाएगी।
राजीव नारायण मिश्रा, डीआईजी मेला