प्रयागराज (ब्यूरो)बैठक में स्वामी विमलदेव आश्रम महाराज ने वर्ष 2022 के माघ मेला की व्यवस्था को लेकर कड़े सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस बार मेला में अव्यवस्था व्याप्त है। जिससे संत और कल्पवासी बहुत ही आहत हैं। दो स्नान बीत जाने के बाद भी गंगा तट पर स्नान घाट तक नहीं बनाए जा सके हैं। यदा-कदा जो बने भी हैं, वहां पर महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की कोई व्यवस्था नहीं की गई। मेले में विद्युत विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं स्वास्थ विभाग के अधिकारी जिन शिविरों में सुविधा शुल्क लेते हैं। उन्हीं शिविरों तक मेले की सुविधाएं सीमित होकर रह गई हैं। कई ऐसे संत हैं जो सुविधा शुल्क देने में अक्षम हैं। उनके पास मूलभूत सुविधाएं तक नहीं पहुंच सकी हैं। स्वामी विमल देव आश्रम का आरोप है कि मेले में एक टेंट कंपनी द्वारा घोर अनियमितता की जा रही है। अब तक संस्थाओं को प्राप्त सुविधा भी नहीं लगाई जा सकी है। जिससे कई संतों के शिविर आज भी अपूर्ण हैं।

तीन में नहीं मिलने पर फिर से घेराव की चेतावनी
प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को भेजे गए सामूहिक पत्र में स्वामी विमलदेव आश्रम ने कहा है कि शासन द्वारा मेले को दिया गया बजट मेले से जुड़े अधिकारी और विभाग कागजों पर ही दर्शाकर बंदरबांट करना चाह रहे हैं। संतों को मिलने वाली सुविधा भी कागजों पर ही सीमित होकर रह गई है। बैठक में संतों ने तय किया है कि यदि तीन दिन के भीतर संतों को मिलने वाली सुविधाएं नहीं दी गई तो संत मेला कार्यालय का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि दंडी स्वामी नगर में जिन संस्थाओं जिनकी संख्या 19 है भूमि दी जाती है परंतु आज तक मेला कार्यालय के रजिस्टर में दर्ज नहीं हो सकीं। साथ ही वर्कआर्डर पर दी जाने वाली सुविधा भी सुविधा पर्ची पर दर्ज नहीं है। उन्होंने कहा कि मेले में 4 आईएएस अधिकारी 14 पीसीएस अधिकारी तैनात होने के बाद भी मेला की हालत बद से बदतर है।
बैठक में अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष दंडी स्वामी विमल देव आश्रम महाराज, महामंत्री दंडी स्वामी राजेश्वरानंद, गोविंद आश्रम, विश्वंभर आश्रम, विश्व स्वरूप ब्रह्मचारी स्वामी प्रणव आश्रम, शांता आश्रम, इंद्रदेव आश्रम, हंस आश्रम, वासुदेव आश्रम, अतुल स्वरूप, राजेश स्वरूप, राधे स्वरूप, ब्रह्मचारी महेंद्र स्वरूप, ब्रह्मचारी योगेंद्र स्वरूप समेत तमाम संत महात्मा उपस्थित रहे।