92000 है संस्कृत स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या

1106 है 6 से 12वीं तक के संस्कृत स्कूलों की संख्या

117 स्कूलों में नहीं हैं कोई टीचर

58 स्कूल टीचर्स के नहीं होने के कारण हो चुके हैं बंद

971 है एडेड स्कूलों की कुल संख्या

2 राजकीय संस्कृत स्कूल है सूबे में

133 संस्कृत के प्राइवेट स्कूलों का हो रहा संचालन

- 2011 में लागू हुआ था संस्कृत स्कूलों में नया सिलेबस

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- टीचर्स की नियुक्ति के बाद स्कूलों में फिर से शुरू होगी ढंग से पढ़ाई

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PRAYAGRAJ: सूबे के संस्कृत स्कूलों के दिन जल्द ही बहुरने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा संस्कृत स्कूलों में मानदेय पर नए टीचर्स की नियुक्ति रखने के निर्देश के बाद एक बार फिर से संस्कृत स्कूलों में पढ़ाई का माहौल शुरू हो जाएगा। जिससे टीचर्स की कमी के कारण लगातार बंद होने के कगार पहुंच रहे स्कूलों की स्थिति सुधर जाएगी। सूबे में बड़ी संख्या में स्कूल टीचर्स की कमी से जुझ रहे हैं। ऐसे में ये आदेश उन स्कूलों के लिए संजीवनी बनेगी। जिससे स्कूलों में स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।

2011 में लागू हुआ था नया सिलेबस

संस्कृत स्कूलों को अपडेट करने के लिए वर्ष 2011 में नया सिलेबस लागू किया गया था। उसी समय से स्कूलों में नए सिलेबस को पढ़ाने के लिए टीचर्स की नियुक्ति की मांग चल रही थी। लेकिन नए टीचर्स की नियुक्ति अभी तक नहीं हो सकी। यहीं कारण रहा है कि बड़ी संख्या में कक्षा 6 से 12 तक के संस्कृत स्कूल बंद होने के कगार पर पहुंचने लगे। 2017 तक सूबे में कुल 58 ऐसे स्कूल थे। जिन्हें टीचर्स के नहीं होने के कारण बंद करना पड़ा। जबकि वर्तमान में कुल 117 ऐसे संस्कृत स्कूल है, जिसमें एक भी टीचर नहीं है। जबकि सूबे के कुल 1106 संस्कृत स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की संख्या करीब 92000 है। ऐसे में टीचर्स की कमी के कारण नए सिलेबस की पढ़ाई अभी तक सही प्रकार से इन स्कूलों में नहीं शुरू हो सकी।

एडेड संस्कृत स्कूलों की संख्या अधिक

संस्कृत में पढ़ाई के लिए इन स्कूलों की स्थापना की गई थी। ऐसे में सूबे में संस्कृत स्कूलों में एडेड स्कूलों की संख्या सबसे अधिक है। जबकि राजकीय संस्कृत स्कूल, जहां पर 6 से 12वीं तक की पढ़ाई होती है। उनकी संख्या महज 2 है। वहीं प्राइवेट संस्कृत में पढ़ाई कराने वाले स्कूलों की संख्या 133 है।

- सरकार के आदेश के बाद जल्द ही संस्कृत स्कूलों में मानदेय पर नए टीचर्स की नियुक्ति होगी। उसके लिए तैयारी शुरू हो रही है।

सीएल चौरसिया, सचिव, संस्कृत बोर्ड