सामाजिक कार्यों में भी सहभागिता

शौर्य दिवस पर वीरता व बहादुरी के लिए जवानों को इंस्पायर्ड करने के साथ ही आरएएफ ने एक सोशल मैसेज भी दिया। उप कमांडेंट नीतीन्द्र नाथ के नेतृत्व में जवानों ने रसूलाबाद व फाफामऊ घाट पर दो घंटे गंगा सफाई अभियान चलाया। श्रीनाथ ने कहा कि गंगा के साथ हमारी आस्था जुड़ी हुई है। मानव जीवन के लिए भी नदियों का प्रदूषण रहित होना बेहद जरूरी है। फोर्स के इस तरह के सोशल वर्क में जुडऩे से पब्लिक में अवेयरनेस आएगी। इसी मंशा से यह आयोजन किया गया।

शाम को हुए स्पोट्र्स इवेंट

इस मौके पर स्पोट्र्स इवेंट बॉलीवाल, रस्साकशी में जवानों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। शाम को आरएएफ कैंप में कल्चरल प्रोग्राम हुआ। बेहतरीन परफार्मेंस देने वाले जवानों को सम्मानित भी किया गया।

क्यों मनाते हैं शौर्य दिवस

9 अप्रैल 1965 को रन ऑफ कच्छ में सीआरपीएफ द्वितीय वाहिनी की केवल चार कंपनियों ने पाकिस्तानी फौज के पूरे एक बिग्रेड के अटैक को विफल कर दिया था। सीआरपीएफ के जवान साहस के साथ पाकिस्तान की पूरी फौज के सामने डटे रहे और उन्हें एक कदम भी आगे नहीं बढऩे दिया। जवानों की जांबाजी के आगे बाद में पाकिस्तानी फौज ने घुटने टेक दिए थे। इसमें कई जवान शहीद भी हुए थे। इन्हीं वीरों को श्रद्धांजली देने के लिए हर साल 9 अप्रैल को शौर्य दिवस मनाया जाता है।