नवाबगंज के Sector magistrate ने सील कराया पकड़ा गया Cash

विद्युत अधिकारियों ने कहा विभाग का है पकड़ा गया सारा पैसा

ALLAHABAD: आदर्श चुनाव आचार संहित लागू होने के बाद जगह-जगह शुरू हुई वाहन चेकिंग के दौरान कैश के बरामद होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को सेक्टर मजिस्ट्रेट नवाबगंज ने मंसूराबाद बाईपास के करीब एक कार से दस लाख 89 हजार रुपए बरामद किया। बरामद पैसों को सील कर दिया। इसके पहले भी जिले के कई स्थानों से वाहन चेकिंग में कैश बरामद हो चुके हैं।

Checking के दौरान मिली सफलता

सेक्टर मजिस्ट्रेट विजय कुमार मिश्र गुरुवार की सुबह मंसूराबाद बाईपास के करीब वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इसी बीच लाल गोपालगंज की तरफ से एक तेज रफ्तार स्विफ्ट कार आती हुई दिखाई दिखाई पड़ी। उनके साथ रहे पुलिस कर्मियों ने कार रोक लिया। रुकते ही सेक्टर मजिस्ट्रेट हमराहियों के साथ कार की तलाशी लेने लगे। तलाशी में कार से दस लाख 89 हजार 700 रुपया कैश बरामद हुआ। यह देख चेकिंग कर्मियों की बांछें खिल गई। बगैर देर किए कैश के साथ कार को कब्जे में लेते हुए सेक्टर मजिस्ट्रेट ने उसमें सवार लोगों को भी हिरासत में ले लिया।

नहीं मानी गई अभियंता की बात

सेक्टर मजिस्ट्रेट के मुताबिक हिरासत में लिए गए लोगों ने कैश को बिजली विभाग का बताया है। कहा कि लालगोपालगंज के फतेहपुर से विद्युत बिल के रूप में सारा पैसा वसूल कर जमा करने के लिए इलाहाबाद ले जा रहे थे। खबर मिलने पर पहुंचे बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता गंगा पार अशोक कुमार और जेई नवाबगंज ने भी पुलिस को बताया कि पैसा विभाग का है। उनकी पुष्टि को सिरे से खारिज करते हुए पुलिस ने बरामद पैसे बरामद कैश को सील कर दिया।

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जानकार उठा रहे हैं सवाल

बिजली विभाग के अधिकारियों की बातों ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। जानकार कहते हैं कि यदि बरामद किया गया कैश विद्युत विभाग का था तो उसे जहां से वसूला गया था वहीं पर पास के किसी बैंक से सीधे विभाग के खाते में जमा किया जा सकता था। इतनी बड़ी रकम कार से लेकर इलाहाबाद जमा करने के लिए जाने की क्या जरूरत थी? प्रश्न यह भी है कि जब इतनी बड़ी रकम थी तो विभाग ने सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस से फोर्स क्यों नहीं ली। यदि रास्ते में लूट हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता?