प्रयागराज ब्यूरो । शहर में एक ऐसा गैंग कोतवाली पुलिस व एसओजी नगर टीम के हत्थे चढ़ा, जो चुराई गई बाइक नहीं उसे काटकर पार्ट बेचता था। चुराई गई बाइक को काटकर पार्ट बेचने वाला यह शहर में पकड़ा गया शायद पहला गैंग है। सिविल लाइंस गोबर गली शौचालय के पास से पकड़े गए गैंग के चार गुर्गों में एक नाबालिग है। गिरफ्तार किए गए इस गैंग के टारगेट पर एसआरएन हॉस्पिटल में आए तीमारदार व मरीजों की बाइक थी। चारों ने मिलकर ज्यादातर बाइक चोरी की घटनाओं को इसी हॉस्पिटल में ही अंजाम दिया है। एसआरएन हॉस्पिटल चौकी व कोतवाली पुलिस को कई महीने से मास्टर माइंड इस गैंग की शिद्दत से तलाश थी। पकड़े गए गैंग के इन गुर्गों द्वारा चुराई गईं कुल 11 बाइक पुलिस ने बरामद किया है। इनमें दो कटी हुई बाइक के पार्ट भी शामिल हैं। इतना ही नहीं, बाइक काटने वाली इलेक्ट्रानिक मशीन भी इनके पास से मिली है। अब पुलिस इस पूरे गैंग के चेन तक पहुंचने की फिराक में है। पूछताछ में पकड़े गए अभियुक्तों ने जो बातें बताईं, उसे सुनकर खुद पुलिस के भी कान खड़े हो गए।

इस तरह चढ़े पुलिस के हत्थे
चुनाव के मद्देनजर संदिग्ध व्यक्तियों व वाहनों की चेकिंग के पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा के सख्त निर्देश हैं। इसी के अनुपालन में शहर कोतवाली पुलिस व चौकी इंचार्ज एसआरएन हॉस्पिटल एवं नगर एसओजी की टीम शहर में एक्टिव थी। बताते हैं कि पिछले दिनों एसआरएन हॉस्पिटल के परिसर से कई बाइकें गायब हुई थीं। ऐसे में पुलिस व एसओजी इस गैंग को भी तलाश रही थी। रविवार को पूरी टीम क्षेत्र में भ्रमण पर थी। इस बीच कोतवाली पुलिस को खबर मिली कि सिविल लाइंस गोबर गली शौचालय के पास कुछ लोग चोरी की बाइक बेचने की बात कर रहे हैं। यह सूचना मिलते ही भ्रमण पर रही पुलिस टीम मौके पर पहुंची गई। पुलिस को देखते ही चारों छिपने का प्रयास करने लगे। यह देखकर पुलिस ने चारों को दबोच लिया। पुलिस के शिकंजे में आने के बाद चारों खुद को गरीब और बेरोजगार एवं निर्दोष होने की दुहाई देने लगे। चारों को पकड़ कर पुलिस टीम कोतवाली ले गई। कड़ाई से पूछताछ में बारी-बारी अपना नाम व पता पुलिस को बताए।

जानिए कितना शातिर है सलोरी का ये गैंग
कोतवाली इंस्पेक्टर ने बताया कि पकड़े गए बाइक चोरी करने वाले गैंग के इन गुर्गों
में सूरज यादव व सुरेश यादव सगे भाई हैं।
दोनों कर्नलगंज थाना क्षेत्र स्थित शुक्ला मार्केट सलोरी निवासी स्व। सुरेश यादव के बेटे हैं। पुलिस के मुताबिक यही लीडर हैं।
तीसरे शख्स का नाम करन रविदास है। वह एयरपोर्ट थाना क्षेत्र स्थित कटहुला गौसपुर निवासी नरेश रविदास का बेटा है।
पकड़ा गया इनका चौथा साथी अभी नाबालिग है। पूछताछ में इन चारों ने बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की बात कबूल की।
सूरज व नीरज व करन ने बताया कि ज्यादातर बाइक चोरी की घटनाओं को वह एसआरएन हॉस्पिटल में ही अंजाम दिया करते थे।
क्योंकि यहां आने वाला मरीज व तीमारदार अपनी समस्या में उलझा रहता है और बाइक पर बहुत ध्यान नहीं दे पाता।
मौका मिलने पर वह हॉस्पिटल के बार भी बाइक चुराया करते थे। तीनों ने पुलिस को बताया कि वे चुराई गई बाइक की जगह उसे काटकर पार्ट बेचा करते थे।
क्योंकि चोरी की बाइक का कागज तो होता नहीं था इस लिए खरीदार चार से पांच हजार रुपये ही देते थे। ऊपर से पकड़े जाने का भी खतरा अधिक रहता था।
जबकि काटी गई बाइक के पार्ट को बेचने में कागज की जरूरत नहीं होती थी और आठ से दस हजार रुपये आसानी से मिल जाते थे और पकड़े जाने का खतरा भी नहीं होता था।


इस बरामदगी में इनका रहा अहम रोल
कोतवाली पुलिस के मुताबिक बरामद की गई कुल 11 बाइक नौ ही साबुत हैं। दो बाइक को शातिरों ने काट कर सारे पार्ट अलग कर दिया था। चोरी की कुल 11 बाइक में आठ मोटरसाइकिल और तीन स्कूल शामिल हैं। इनके पास बाइक काटने वाली इलेक्ट्रानिक हाईटेक मशीन भी बरामद की गई है। गिरफ्तारी व बरामदगी करने वाली टीम में चौकी इंचार्ज एसआरएन हॉस्पिटल विवेक कुमार राय, उप निरीक्षक ऋतुराज सिंह चौकी प्रभारी घण्टा घर, उप निरीक्षक आशीष चौबे एसओजी प्रभारी नगर, हेड कांस्टेबल बिजेंद्र सिंह, मनोज कुमार, पुष्पेंद्र सिंह, अब्दुल सालिम, विनोद यादव, अभिषेक सिंह, भीष्म शुक्ला, अरविंद यादव सहित एसओजी के अन्य जवान शामिल रहे।


बाइक चोरी करने वाले गैंग के यह गुर्गे शहर में काफी एक्टिव थे। यह ज्यादातर एसआरएन हॉस्पिटल में बाइक चोरी की वारदात को अंजाम दिया करते थे। इनसे कुछ क्लू मिले हैं। जिसकी मदद से इस गैंग के पूरे चेन तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
रोहित तिवारी, कोतवाली प्रभारी