घर की छत पर ही लोगों ने पढ़ी ईद की नमाज, पैक करके परिचितों के यहां पहुंचायी सेंवई

एक माह खुदा की इबादत और रोजे रखने के बाद शुक्रवार को रोजेदारों को ईद तोहफे में मिली। इस बार भी लास्ट इयर की तरह ही ईद पर पहले जैसी रौनक नहीं दिखी। लोगों ने मौलाना और शहर काजी की अपील को ध्यान में रखते हुए घरों में ही ईद की नमाज परिवार के साथ अदा की। इस दौरान कुछ लोगों ने आस-पड़ोस के लोगों के साथ घर की छत पर ईद की नमाज पढ़ी। मस्जिदों में ईद के मौके पर सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार पांच-पांच लोगों ने नमाज अदा की। इसके बाद एक दूसरे को ईद मुबारक कह कर बधाई दी।

घर-घर पहुंचायी गयी ईद की मिठास

ईद जैसे त्योहार की मिठास को घर से बाहर निकालने का तरीका भी इस बार लोगों ने निकाल लिया। घरों में ईद पर बनने वाले सभी पकवान तैयार किये गये। लोगों ने सभी पकवान को यूज एंड थ्रो रैपर्स में इसे पैक किया और फिर अपने आसपास के लोगों के यहां इसे पहुंचाया। दरवाजा नॉक किया। दरवाजा खुला तो ईद की मुबारकवाद दी और फिर एक-दूसरे का हाल-चाल पूछा। गेट से ही ईद पर बने पकवानो का कैरी बैग कलेक्ट किया। होम डिलीवरी की तर्ज पर की गयी इस व्यवस्था से सेवइयों की मिठास आसपास के घरों तक पहुंच गयी।

सोशल मीडिया पर बधाइयों का दौर

ईद के मौके पर इस बार भले ही लोग एक दूसरे से ज्यादा मिलने नहीं पहुंचे, लेकिन सोशल मीडिया पर ईद की रौनक और बधाई संदेशों का दौर पूरे दिन चलता रहा। फेसबुक, वाट्सअप, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोगों ने एक दूसरे को ईद की बधाई दी। इस बार ईद पर बड़ी संख्या में लोग अपने घर भी नहीं पहुंच पाए। वीडियो कॉल के जरिए विदेशों में रहने वाले लोगों ने अपनी फैमिली मेंबर्स को ईद की बधाई दी। साथ ही कोरोना की मौजूदा हालत के बारे में भी जानकारी ली। चौक, नखासकोहना, करेली, नुरुल्लारोड, शाहगंज, अटाला, हटिया जैसे मोहल्ले जहां पहले ईद पर पूरे दिन और रात गुलजार रहते थे। इस बार लॉकडाउन के कारण वहां भी सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।