प्रयागराज (ब्‍यूरो)। गोलियों से छलनी कर अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले शूटरों को अब नार्को टेस्ट की अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। जांच के लिए गठित एसआईटी शूटरों का नार्को टेस्ट कराएगी। इस टेस्ट के जरिए टीम पहले बने कई सवालों के जवाब को जानने की कोशिश करेगी। मंगलवार से आई न्यायिक आयोग की टीम भी बुधवार को काफी एक्टिव रही। काल्विन हॉस्पिटल से लेकर कई जगह पर पहुंचे टीम के अफसरों द्वारा कई गोपनीय जानकारियां ली गईं। सूत्र बताते हैं कि न्यायिक आयोग की टीम शूटरों का फिर से बयान दर्ज करेगी। साथ ही घटना के वक्त चश्मदीद रहे करीब तीन दर्जन से अधिक लोगों से भी प्रश्न पूछे जाएंगे। घटना को हुए एक महीने से अधिक का दिन बीत चुका है। इस सनसनीखेज वारदात की जांच के लिए गठित एसआईटी व न्यायिक आयोग की टीम काफी बारीकी से हर सवाल का जवाब खोजने में जुटी है।

15 अप्रैल को हुई थी घटना
एसआईटी का मानना है कि शूटरों का नार्को टेस्ट कराए जाने पर कत्ल से जुड़े कई सच सामने आ सकते हैं। सिर्फ यही नहीं, कत्ल की इस स्क्रिप्ट को लिखने वालों के चेहरे भी बेनकाब हो जाएंगे। काल्विन हास्पिटल गेट पर 15 अप्रैल की देर शाम अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या हुई थी। पुलिस की अभिरक्षा में होने के बावजूद तीन बेखौफ शूटरों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। कत्ल के बाद सरेंडर करने वाले इन शूटरों ने अपना नाम लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या बताया था। गिरफ्तारी के बाद की गई पूछताछ में शूटरों के द्वारा कत्ल के कारण जो स्क्रिप्ट बताई गई थी। आज तक वह किसी के गले से नीचे नहीं उतर रही। शूटरों ने कहा था कि दोनों की हत्या वह अपना नाम फेमस करने के लिए किए थे। तीनों शूटरों के यह राग किसी के कानों को बर्दाश्त नहीं हो रहे। वारदात को हुए एक महीने से अधिक का वक्त बीत चुका है। आज भी लोग इस घटना को लेकर सवाल पर सवाल दाग रहे हैं। जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम भी कई सवालों को लेकर उलझी हुई है। यही वजह है कि उठ रहे तमाम सवालों का जवाब जानने के लिए अब एसआईटी की टीम तीनों शूटरों का नार्को टेस्ट कराने का प्लान तैयार कर रही है। प्लान को हरी झण्डी मिलते ही तीनों का नार्को टेस्ट कराने के लिए टीम कोर्ट से अनुमति के लिए अर्जी देगी।

न्यायिक आयोग की टीम की छानबीन
उधर, घटना की तफ्तीश के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम मंगलवार को एक बार फिर जिले में दस्तक दी थी। आते ही केस से जुड़े पुलिस अफसरों संग टीम के द्वारा बैठक की गई थी। दूसरे दिन यह टीम कत्ल के क्लू की तलाश में सर्किट हाउस से बाहर निकली। बताते हैं टीम काल्विन हॉस्पिटल पहुंची और वहां घटना से जुड़े तमाम बिन्दुओं को खोजने की कोशिश की। माना जा रहा है कि टीम के जरिए प्रत्यक्षदर्शी रहे तीन दर्जन के करीब लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है। इन प्रत्यक्ष दर्शियों में पुलिस के जवानों संग स्वास्थ्य कर्मियों व पब्लिक एवं मौजूद रहे मीडिया के लोग भी शामिल हो सकते हैं।

अब तक नहीं मिले इन सवालों के जवाब
हत्याकांड की स्क्रिप्ट किसने तैयार और कैसे तैयार की थी।
साजिश रचने वाले लोग कहां के हैं और दोनों की हत्या से उनका क्या फायदा होने वाला है, इसमें कितने लोग शामिल थे?
क्या दोनों की हत्या तीनों शूटर सुपारी लेकर किए थे?
इस हत्या के पीछे किसी नेता या माफिया तो नहीं इनवाल्व
वह शख्स कौन था जिसे प्रिजन वैन से उतरते वक्त हत्या के पूर्व अतीक सिर से आने का इशारा किया था?
कैमरे के सामने अशरफ गुड्डू मुस्लिम के बारे में क्या राज खोलने वाला था, जो उसका नाम लेते ही गालियां बरसने लगीं।
आखिर शूटरों को मीडिया का आईकार्ड, माइक और कैमरा कौन दिया था?
शूटर यहां स्टेशन के एक होटल में रुके थे, फिर लोकल स्तर पर उन तीनों शूटरों की मदद कौन व्यक्ति कर रहा था?