प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आइए आज आपको मिलवाते हैं टीम इंडिया के शूटिंग कोच संजीव राजपूत से। अर्जुन एवार्ड से सम्मानित संजीव राजपूत के पास तमगों की भरमार है। अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य को मार गिराने वाले संजीव की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उन्हें टीम इंडिया के कोच का दायित्व सौंपा गया है। कोच संजीव राजपूत का कहना है कि शूटिंग के खिलाड़ी के लिए सबसे जरुरी है कंसंट्रेशन। बगैर कंसंट्रेशन के लक्ष्य पर निशाना लगा पाना बेहद मुश्किल काम है।

नेवी में सेलेक्ट होने पर की बने निशानेबाज
संजीव राजपूत नेवी में सेलेक्ट हुए। इसके बाद उन्हें निशानेबाजी का चस्का लगा। शौकिया शुरू की गई निशानेबाजी आज उन्हें बड़े मुकाम पर ले आई। बकौल संजीव उन्होंने नेवी में शूटिंग कोच फलेमर्स थामस के अंडर में कोचिंग ली। ये बात 2002 की है। मूलरूप से फरीदाबाद के रहने वाले शूटिंग कोच संजीव राजपूत कहना है कि इससे पहले उन्होंने कभी शूटिंग नहीं की थी। जो भी कुछ सीखा वो नेवी में सेलेक्ट होने के बाद शूटिंग कोच थामस से सीखा। बताया कि स्लोवाकिया के शूटिंग खिलाड़ी डेप्यों करेंजवॉड उनके प्रेरणा स्त्रोत हैं। कहा कि शुरूआती दौर में कोई किसी प्रकार की मदद नहीं करता है। अपने आपको लोगों के सामने साबित करना होता है। बताया कि उस समय सरकार शूटिंग जैसे महंगे खेल को इतना प्रमोट नहीं करती थी। मगर आज की डेट में सरकार ने खिलाडिय़ों के लिए कई सारे दरवाजे खोल रखे हैं।

खेलो इंडिया बनेगा बड़ा प्लेटफॉर्म
इसका सबसे बड़ा उदाहरण है खेलो इंडिया योजना। इसमे 17 वर्ष से लेकर के 21 वर्ष तक के खिलाडिय़ों का चयन किया जाता है। इस योजना में चयनित खिलाडिय़ों की सारी जिम्मेदारी सरकार की होती है। बस खिलाड़ी को ट्रायल पास कर इसके कैंप में सेलेक्ट होना होता है। इसके बाद खिलाड़ी जहां चाहे वहां प्रैक्टिस करे। उसके इक्यूपमेंट से लेकर कोच तक का सारा खर्च सरकार उठाती है।

2004 में पहला इंटरनेशनल मैच
संजीव बताते हैं कि उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल मैच साल 2004 में खेला था। इसके पहले वे कई सारे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके थे। इसके बाद इन्होंने 2008 में बीजिंग ओलंपिक, 2012 में लंदन ओलंपिक, 2019 में रियो ओलंपिक में प्रतिभाग किया। संजीव ने बताया कि वह भारत के और विश्व के शीर्ष खिलाडिय़ों में अंडर फाइव रैंक पर रहे। और आज भी उनकी गिनती शूटिंग की दुनिया के नामचीन खिलाडिय़ों में होती है। संजीव मई 2023 तक भारत के एक्टिव शूटिंग खिलाड़ी रहे। इसके बाद इन्होंने शूटिंग से सन्यास ले लिया।

तैयार हो रहे ओलंपियन
संजीव बताते हैं कि उनके अंडर में अभी कई सारे शूटिंग खिलाड़ी तैयार हो रहे है। उनका मेन फोकस 2024 में होने वाले पेरिस ओलंपिक पर है। इसके लिए वह खिलाडिय़ों को तैयार कर रहे हैं। खिलाडिय़ों को हर तरीके की सुविधा दी जा रही है। इस बार भारत को ज्यादा से ज्यादा मेडल मिलने की उम्मीद है।