प्रयागराज ब्यूरो । कोर्ट ने दशक भर बाद भी कोई जानकारी अथवा जवाब दाखिल नहीं करने एवं अधिकारियों द्वारा सरकारी वकीलों को सहयोग न करने पर मुख्य सचिव को 22 दिसंबर 2022 को बुलाया था। मुख्य सचिव ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया था कि सभी विभागों में विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश जुलाई 2022में जारी कर दिया गया है। नोडल अधिकारी, सरकारी वकील की सूचना पर विभाग से जानकारी लेकर उपलब्ध कराएंगे। नोडल अधिकारियों की सूची ई-मेल आईडी व मोबाइल फोन नंबर के साथ जारी की गई है। यह बयान मनीष श्रीवास्तव व अन्य बनाम राज्य सरकार की विशेष अपील पर पारित आदेश में दर्ज है।
73 विभागों में नोडल अफसर नामित करने का मामला
बेंच ने कहा दो जनवरी 2023 को जब केस की सुनवाई शुरू हुई तो एक मुख्य स्थायी अधिवक्ता ने बताया कि विभाग को सूचित करने के बावजूद कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। अपर मुख्य सचिव (आवास एवं शहरी विकास योजना) लखनऊ को जानकारी दी गई। कुछ विभागों में नोडल अधिकारी हैं किंतु अभी सभी में नहीं हैं। नोडल अधिकारियों की सूची महाधिवक्ता व मुख्य स्थायी अधिवक्ता कार्यालय को नहीं दी गई है। कोर्ट ने कहा कि मुख्य स्थायी अधिवक्ता के बयान से स्पष्ट है कि मुख्य सचिव ने 22 दिसंबर 2022को कोर्ट में गुमराह करने वाले तथ्य दिए। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया है और मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर सफाई मांगी है। साथ आदेश की प्रति मुख्य सचिव को भेजने व जानकारी महाधिवक्ता को देने का भी आदेश दिया है। हालांकि कोर्ट आदेश के तुरंत बाद नोडल अधिकारियों की सूची जारी कर दी गई है। इसमें 73 विभागों में नोडल अधिकारियों की तैनाती की जानकारी शामिल है।