-श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से भव्यता के साथ निकाला गया रामदल, सोने के गरुड़ रथ का छाया रहा आकर्षण

ALLAHABAD: श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से विजयादशमी के अवसर पर पूरी भव्यता के साथ रामदल का विहंगम एहसास शहरियों को कराया गया। रामदल में जहां भगवान शंकर, देवी दुर्गा व पवनसुत की विशाल प्रतिमाओं के साथ-साथ भगवान गणेश की अगुवाई में हाथी के हौदे पर सवार होकर राम-लक्ष्मण जनमानस को दर्शन देने निकले। वहीं सोने के गरुड़ रथ का आकर्षण देर रात तक हर किसी को मंत्रमुग्ध करता रहा। इसके साथ ही गंगा को प्रदूषण मुक्त करने व जनमानस को जागरुक करने वाले झांकी भी आकर्षण का केन्द्र बनी रही।

ग्वालियर कोठी में जय श्रीराम की गूंज के बीच पूजन

कमेटी पदाधिकारियों द्वारा बाई का बाग स्थित ग्वालियर कोठी में भगवान राम व लक्ष्मण का पूजन-अर्चन कर दोनों भाईयों की आरती उतारी गई। उसके बाद राम-लक्ष्मण को हाथी के हौदे पर चढ़ाया गया। दल में श्रीकृष्ण बाल मंडल कलात्मक चौकी के संरक्षक मो। अकरम की लंका दहन प्रसंग पर केन्द्रित झांकी मंत्रमुग्ध करती रही तो ताड़का वध, सीता हरण, राम दरबार, रावण दरबार, अहिरावण वध व राम मिलाय राज पद दीन्हा सहित एक दर्जन से अधिक कलात्मक झांकियां शामिल रहीं।

दल में शामिल हुए नंदी

रामदल रामभवन चौराहा से लोकनाथ, जानसेनगंज से विवेकानंद मार्ग होते हुए शनिवार की भोर में जीरो रोड पर पहुंचकर समाप्त हुआ। दल में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, कार्यकारी अध्यक्ष पं। मुकेश पाठक, लल्लू लाल गुप्ता, कन्हैया लाल गुप्ता, पूर्व पार्षद बसंत लाल आजाद, सतीश चंद्र केसरवानी, धर्मेन्द्र कुमार, विजय वैश्य आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

इस दल की पवनसुत ने की अगुवाई

जहां पथरचट्टी रामलीला कमेटी के रामदल की अगुवाई गजानन ने की। वहीं शाहगंज स्थित घास की सट्टी से पजावा रामलीला कमेटी के दल की अगवानी पवनसुत हनुमान कर रहे थे। राजसी ठाठ बाट में घोड़े पर सवार होकर भगवान राम व लक्ष्मण निकले तो राम दरबार, लवकुश द्वारा अश्वमेघ को पकड़ना, विष्णु लोक, केवट द्वारा गंगापार, सीता हरण, कुंभ कर्ण वध, लक्ष्मण शक्ति, सबरी मिलन जैसी कलात्मक झांकियां आकर्षण का केन्द्र रही। दल में सबसे पीछे माता जानकी अठरोजे पर सवार होकर चल रही थी।

चौक एरिया में रोशनी देखने उमड़े शहरी

पजावा का रामदल नखासकोहना, कोतवाली, लाल डिग्गी, घंटाघर, जानसेनगंज चौराहा, चमेली बाई धर्मशाला, एससी वसु रोड, बताशा मंडी, लोक नाथ होते हुए रानी मंडी पहुंचकर समाप्त हुआ। तो पथरचट्टी का दल बाई का बाग, राम भवन चौराहा, लोकनाथ, जानसेनगंज व विवेकानंद मार्ग होते हुए जीरो रोड पर समाप्त हुआ। दोनों दलों के मार्गो पर रंगबिरंगी रोशनी की आकर्षक सजावट की गई थी। जिसे देखने के लिए शहर के कोने-कोने से लोग पहुंचे थे। रोशनी का आकर्षण ऐसा रहा कि जगह-जगह खड़े होकर शहरियों ने सजावट के साथ खुद को कैमरे में कैद करते हुए दिखाई दिए।