प्रयागराज (ब्यूरो)। शिक्षक पात्रता परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह साल्वर बैठाए जाने की खबर एसटीएफ को मिली थी। बताया गया कि इसके आधार पर टीम साल्वरों की तलाश में जुटी थी। नैनी छिवकी रेलवे स्टेशन पर कुछ साल्वरों के होने की जानकारी एसटीएफ तक पहुंची। टीम छिवकी स्टेशन पहुंची तो यहां से कुल आठ साल्वर गिरफ्तार किए गए। इनमें गैंग का मुख्य सरगना राजेंद्र पटेल प्रतापगढ़ स्थित रानीगंज थाना क्षेत्र के जयरामपुर गांव का रहने वाला है। जबकि दूसरे सरगना का नाम नीरज शुक्ला निवासी चौबे पट्टी थाना रानीगंज जिला प्रतापगढ़ बताया गया। इनके साथ छह गुर्गे सन्नी सिंह निवासी बदगाहा बिहार, टिंकू कुमार निवासी रेकुना फारम थाना बोधगया बिहार, शीतल कुमार वर्मा निवासी खरंटी थाना बोधगया जिला गया बिहार, धनन्जय कुलार निवासी धर्मदेव नगर मानपुर थाना मुफसिल जिला गया बिहार भी गिरफ्तार किया गया। जबकि झूंसी न्यायनगर स्थित परीक्षा केंद्र डीएनएमएस गल्र्स इंटर कॉलज से साल्वर अनुराग कश्यप निवासी नई बस्ती थाना चापन जिला सोनभद्र, अभ्यर्थी अभिषेक सिंह निवासी प्यारे लाल कॉलोनी बलदाऊगंज थाना कर्वी जिला चित्रकूट, सत्य प्रकाश सिंह पटेल निवासी पटेल नगर वार्ड 9 थाना शंकरगढ़ दबोचा गया। एसटीएफ के मुताबिक सत्य प्रकाश प्राथमिक विद्यालय करियाखुर्द शंकरगढ़ में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। इसके मोबाइल वाट्सएप पर साल्वशुदा पेपर जांच में पाया गया है। पूछताछ में गिरफ्तार टीचर ने बताया कि वह साढ़ू के बेटे अभिषेक सिंह और बेटी रेनू को पास कराने के लिए अजय देव सिंह से ढाई-ढाई लाख रुपये में सेटिंग किया था। जबकि शहर के जार्जटाउन पन्ना लाल रोड पुराना धोबी घाट जाने वाली लिंक रोड खण्ड़ंजा मार्ग से कोरांव स्थित सेमरी बाघराय निवासी तीसरा सरगना चतुर्भुज सिंह व गुर्गे संजय सिंह निवासी सिरावल थाना कोरांव, अजय कुमार निवासी पचवहह थाना कोरांव, ब्रम्हाशंकर सिंह निवासी पियरी थाना कोरांव और सुनील कुमार सिंह निवासी हरदिहा थाना खीरी जिला प्रयागराज की गिरफ्तारी की गई।

साल्वरों से बरामद हुए सामान

इनके पास से तलाशी में एसटीएफ को 13 कूटरचित आधार कार्ड, 17 मोबाइल, एक एटीएम, सात पैन कार्ड, दो डीएल, दो वोटर आईडी, एक कार, एक बाइक, 67 हजार 820 रुपये नकद, चार ब्लैंक चेक, 73 वाट्सएप स्क्रीन शॉट, आठ हाईस्कूल व इंटर के अंक एवं प्रमाण पत्र, 27 लीकशुदा प्रश्न पत्र का वाट्सएप स्क्रीन शॉट प्रिंट हाउस मिले हैं।

ढाई से तीन लाख में हुआ था ठेका

गिरफ्तार किए गए सभी शातिरों से एसटीएफ द्वारा पूछताछ की गई। इस दौरान कई राज सामने आए। एसटीएफ के मुताबिक साल्वर गैंग का संचालन राजेंद्र कुमार पटेल, नीरज शुक्ला व चतुर्भुज सिंह करता था। इन तीनों ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की जगह साल्वर बैठाने व नकल कराने का काम यही तीनों किया करते थे। परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों के पास साल्वर की पर्ची भेजने व सेंटर पर सेटिंग तक का ठाका यह लिया करते थे। ब्लूटूथ व डिवाइस जैसे माध्यमों से भी यह नकल कराने में माहिर हैं। इसके लिए वह पद और परीक्षा के अनुसार अभ्यर्थियों से रुपये वसूलते थे। शिक्षक पात्रता परीक्षा में बैठाने के लिए यूपी ही नहीं पटना और गया से भी साल्वर वह बुलाए थे। बीस से पच्चीस हजार रुपये में सभी साल्वर यहां आए हुए थे। इस बार तीनों सरगना प्रति अभ्यर्थी ढाई से साढ़े तीन लाख रुपये लिए थे। इनमें से रुपयों का पेमेंट हो चुका था। शेष रुपये परीक्षा बाद दिए जाने की बात अभ्यर्थियों द्वारा कही गई थी।

2009 में मिली थी टीचर की नौकरी

गिरफ्तार किया गया सहायक अध्यापक सत्य प्रकाश सिंह पटेल ने कबूल कि वह इस गुनाह में शामिल था। बताया गया कि 2009 में उसे नौकरी मिली और बदायूं में ज्वाइन किया। वर्ष 2013 में उसकी तैनाती जिले के शंकरगढ़ करियाखुर्द प्राथमिक विद्यालय में हुई। साढू की बेटी और बेटे की जगह साल्वर बैठाने का सौदा वह अजय देव सिंह पटेल निवासी शंकरगढ़ से कुल पांच लाख में सौदा तय किया था। कह कि उसके मोबाइल पर सुबह 7.33 बजे पेपर भी आ गया था।

शिक्षक पात्रता परीक्षा में साल्वरों के एक्टिव होने की खबर लखनऊ से मिली थी। इसी सूचना पर टीम के साथ साल्वरों की तलाश में था। अलग-अलग जगह से कुल तीन सरगना समेत 16 लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

नावेन्दु कुमार, पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ प्रयागराज