प्रयागराज ब्यूरो । बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के गवाह उमेश पाल और उसके दो गनर के मर्डर की स्क्रिप्ट लिखने वाले सदाकत के कमरा नंबर 36 में गुलाम अक्सर दरबार लगाया करता था। यह वही गुलाम है जो उमेश पाल व उसके नगर की हत्या में नामजद है। गुलाम माफिया अतीक अहमद का बेहद करीबी और खास है। सदाकत और गुलाम के बीच गहरी यारी थी। गुलाम ही सदाकत को माफिया अतीक के करीब तक पहुंचाया था। अतीक अहमद के करीबियों में नाम जुडऩे के बाद सदाकत को भी भाईगीरी का चस्का लग गया था। वह सिर्फ हास्टल में ही नहीं बाहर भी लोगों पर रौब गालिब किया करता था। छानबीन में सामने आई इन बातों को देखते हुए अब पुलिस सदाकत के बेहद करीब रहे छात्रों का भी क्राइम कनेक्शन टटोलने में जुट गई है। पुलिस सदाकत का करेली और चकिया कनेक्शन की जड़ खोदने में लग गई है। क्योंकि पुलिस को मालूम यह चला है कि इसी सदाकत और गुलाम की वजह से चकिया और करेली के कई आपराधिक किस्म के लोगों का भी हास्टल में आना जाना था।

बाहर भी दबंगई करता था सदाकत
उमेश पाल मर्डर केस में नामजद गुलाम का मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल में तगड़ा काकस था। वह इस हास्टल को अपना दरबार लगाने का अड्डा बना रखा था। गिरफ्तार किया गया सदाकत खान जिस रूम में रहता था उसी में गुलाम की अड्डेबाजी हुआ करती थी। दबी जुबान कुछ छात्र बताते हैं कि गुलाब अपने साथियों के साथ सदाकत के कमरे में अक्सर आया करता था। जब भी आता था उसके साथ कुछ लड़के जरूर हुआ करते थे। सदाकत उसी के दम पर काफी उछलता था। यहां तक कि हास्टल में रहकर पढ़ाई करने वाले वैध छात्रों पर भी रौब गांठा करता था। चूंकि सदाकत खुद को सीनियर छात्र बताता था और बाहरी लोगों का उसके रूम में आना जाना था। इस लिए दूसरे वैध छात्र सदाकत व उसके यहां आने जाने वालों का विरोध नहीं किया करते थे। गुलाम माफिया अतीक अहमद का करीबी था, उसकी हरकतों के बारे में हास्टल के कई छात्रों को मालूम था। इस लिए और भी लोग उसका विरोध नहीं करते थे। सदाकत गुलाम के दम पर ही उछला करता था। हास्टल के बाहर जब भी विवाद होता था गुलाम लड़कों के साथ उसकी मदद में आ जाता था। छात्रों द्वारा बताई गईं यह बातें उमेश मर्डर केस की जांच में जुटी पुलिस को पहले से ही मालूम हैं। पुलिस विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो गुलाम ही सदाकत को अतीक अहमद से उस वक्त मिलाया था जब अतीक जेल में नहीं थे। सदाकत खान गुलाम और अतीक अहमद के दम पर हास्टल के बाहर भी मार पीट किया करता था। सदाकत धीरे-धीरे अपराध में कदम रख रहा था। इस बात का उदाहरण सदाकत के खिलाफ जार्जटाउन व कर्नलगंज थाने में दर्ज मुकदमें हैं। कहा तो यहां तक जा रहा कि सदाकत के रूम में चकिया और करेली इलाके के युवा अधिक आया जाया करते थे। इस लिए अब पुलिस सदाकत का करेली और चकिया के युवकों से कनेक्शन खोजने में जुट गई है। बताते चलेंकि पुलिस की नजर में सदाकत उमेश पाल मर्डर केस का साजिशकर्ता है।