प्रयागराज (ब्‍यूरो)। कोई भी उपकरण ऐसे ही स्मार्ट नही बनता है। उसके पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। चाहे स्मार्ट फोन, स्मार्ट टीवी या स्मार्ट कार हो। इनके निर्माण में जिंक आक्साइड अहम भूमिका निभाता है, जिसे स्मार्ट मटेरियल कहा जाता है। अब इसकी सहायता से ऐसी कारें बनाई जाएंगी जो चलने के दौरान शेक नही करेंगी। इनमें बैठे लोगों को स्मूदनेस भरा सफर मिलेगा। यह बात साउदर्न यूनिवर्सिटी डेनमार्क के प्रो योगेंद्र कुमार मिश्रा ने बताई। वह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के भौतिकी विभाग मे स्मार्ट मेटेरियल्स रिवल्यूशनाइज ऑवर वल्र्ड पर व्याख्यान दे रहे थे। बताया की स्मार्ट मेटेरियल जिंक आक्साइड को टेट्रापॉड स्ट्रक्चर्ड स्मार्ट मेटेरियल की सहायता से प्राप्त किया जाता है।

कम हो जाएगा समुद्री लहरों का प्रभाव
उन्होंने बताया की टेट्रापॉड स्ट्रक्चर्ड जिंक आक्साइड मेटेरियल्स का उपयोग कर छिद्र मुक्त नये पदार्थो का निर्माण किया जा सकेगा। इसकी सहायता से समुद्र और नदियों के किनारे पर ऐसी बाउंड्री का निर्माण किया जा सकता है जिससे की समुद्र की लहरें इन बाउंड्रियों पर टकरा कर के धीमी हो जाएंगी। इसी के साथ नदियों मे बाढ़ के समय पानी का वेग कम हो जाएगा। जिसके वजह से बाढ़ एवं समुद्री लहरों से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा। इसके इस्तेमाल से एंटी बैक्टीरियल टेक्सटाइल का निर्माण किया जा चुका है। ये बाजारों मे बिक रहा है।

जल्द भर जाएंगे घाव
स्मार्ट मेटेरियल की सहायता से एंटी बैक्टीरियल पट्टी का निर्माण किया जा चुका है। प्रो। मिश्रा ने बताया की इस पट्टी का इस्तेमाल कर के घाव को जल्द भरा जा सकता है। यह पट्टी खतरनाक जीवाणुओं एवं विषाणुओं से घाव की रक्षा करती है। जिंक आक्साइड टेट्रापाड नैनो स्ट्रक्चर की सहायता से फेस क्रीम का निर्माण प्रो। मिश्रा के द्वारा किया जा चुका है। ये क्रीम जर्मनी के बाजारों मे खूब बिक रही है। जल्द ही इसे भारत के बाजारों मे भी लांच करेंगे।

हल्का और मजबूत है मटेरियल
उन्होंने बताया की जिंक ऑक्साइड की सहायता से बना फ्लैक्सिबल सीरेकमिक्स का निर्माण का किया गया है। जो की वजन मे अत्यंत हल्का एवं मजबूत है। आने वाले समय मे फ्लैक्सिबल सीरेकमिक्स की सहायता से बिल्डिंग मेटेरियल अर्थात ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण को आसान किया जा सकेगा। बताया की जिंक आक्साइड की सहायता से प्रदूषण मुक्त बैटरी का निर्माण का किया जा सकेगा। इससे वातावरण प्रदूषणमुक्त हो जाएगा। इससे बनी बैटरी अधिक दिनों तक चलेगी और बैटरी विषाणु रहित रहेगी। इसी के साथ वातावरण प्रदूषण को खत्म करने मे सहायक सिद्ध होगा। कार्यक्रम का संयोजन एयू के भौतिकी विभाग के प्रो केएन उत्तम के द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो विनोद प्रकाश, प्रो0 राम कृपाल, कार्यवाहक विभागाध्यक्ष प्रो आरके आनंद समेत विभाग के समस्त शोध छात्र एवं अन्य छात्र मौजूद रहे।