प्रयागराज ब्यूरो । 24 फरवरी की रात से गायब बताये जा रहे अतीक के दोनो छोटे बेटों एहजम और आबाद की फाइनल लोकेशन मिल गयी है। एसओ धूमनगंज की तरफ से शुक्रवार को कोर्ट में पेश की गयी स्पष्ट आख्या में बताया गया कि दोनों को खुल्दाबाद बाल संरक्षण में ही निरुद्ध रखा गया है। इसके पहले तक इस मामले में कुछ भी बताने के लिए सामने नहीं आ रहे बाल सरक्षण गृह की तरफ से भी पुष्टि की गयी है कि दोनों बच्चे यहीं रखे गये हैं और उन्हें नार्मल बच्चों की तरह ट्रीट किया जा रहा है। इस प्रकरण पर आगे की सुनवाई अब 27 मार्च को होगी।
शाइस्ता परवीन ने लगाई थी अर्जी
अपने दो अवयस्क बेटों की जानकारी के लिए उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड होने के चलते इनामी चल रही शाइस्ता परवीन ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा था कि घटना के बाद ही पुलिस उसके दोनों नाबालिग बेटों को उठा ले गयी थी। इसके बाद उनके बारे में कोई जानकारी पुलिस द्वारा नहीं दी जा रही है। कोर्ट ने इस मामले में जवाब तलब किया तो धूमनगंज इंस्पेक्टर की तरफ से बताया गया था कि 2 मार्च को दोनों लावारिश मिले थे। उन्हें बाल संरक्षण गृह में दाखिल करा दिया गया था। उन्होंने तब यह स्पष्ट तौर पर नही बताया था कि दोनों को खुल्दाबाद बाल संरक्षण गृह में रखा गया है। इसके बाद मीडिया की तरफ से संरक्षण गृह के जिम्मेदारों से सवाल किया गया तो गुमराह करने वाला जवाब दिया गया। बताया गया कि दोनो यहां निरुद्ध ही नहीं हैं। इसके बाद शाइस्ता के वकीलों ने सवाल खड़ा किया तो कोर्ट ने धूमनगंज पुलिस से स्पष्ट आख्या पेश करने को कहा था।
आख्या पर उठाये गये सवाल
धूमनगंज पुलिस की तरफ से पेश की गयी आख्या पर शाइस्ता के वकीलों ने सवाल खड़ा कर दिया। कहा गया कि बाल संरक्षण गृह की तरफ से स्वीकार नहीं किया जा रहा है कि दोनों को रखा कहां गया था। यह अर्जी दाखिल होने के बाद कोर्ट ने धुमनगंज एसओ से फिर से जवाब मांगा। इसके बाद पहली डेट पर कोई जवाब नहीं था। डेट पर डेट लगती रही। कभी पुलिस की तरफ से जवाब नहीं आता तो कभी सील पैक लिफाफे में जवाब भेज दिया जाता। कोर्ट ने 15 व 2 17 मार्च को जवाब मांगा गया था। मामले में स्पष्ट जवाब नहीं मिलने से नाराज कोर्ट धूमनगंज इंस्पेक्टर को अवमानना नोटिस देते हुए व्यक्तिगत रूप से 22 मार्च को पेश होने का आदेश दिया था। इसी के अनुपालन में धूमनगंज इंस्पेक्टर द्वारा 22 मार्च को जवाब देते हुए अब उनके दोनों बेटों को राजरूपपुर बाल संरक्षण गृह में बताया गया है।

अब 27 मार्च को होगी सुनवाई
धूमनगंज इंस्पेक्टर के जरिए पांच बिन्दुओं पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया। जिसमें कहा गया है कि अर्जी की आवेदिका माफिया अतीक अहमद की पत्नी है। शाइस्ता परवीन थाना क्षेत्र में 24 फरवरी को हुई हुए तिहरे हत्याकांड में नामजद अभियुक्त हैं। हत्या में वादिनी के द्वारा दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट के बारे में अलग से कुछ टिप्पणी की जरूरत नहीं है। सच्चाई यह है कि 24 फरवरी को तीन लोगों की जघन्य हत्या के बाद आवेदिका यानी शाइस्ता परवीन सपरिवार अपने निवास स्थान से हट गई है। दिए गए जवाब में विवेचक इंस्पेक्टर धूमनगंज ने कहा कि तिहरे हत्याकांड में शाइस्ता परवीन 25 हजार रुपये की इनामी अभियुक्त है। अभियुक्ता के द्वारा बेटों कही गई बातें असत्य व निराधार है। जवाब में उन्होंने कहा कि उसके दोनों अवयस्क बेटे चकिया कसारी मसारी क्षेत्र में मिले थे। उन्हें सीडब्लूसी के समक्ष नियमानुसार पेश किया गया था। सीडब्लूसी के आदेश के अनुपालन में दोनों को बाल संरक्षण गृह राजरूपपुर में दो मार्च को दाखिल किया गया है। कहा है कि इशास्ता परवीन की ओर से प्रस्तुत अर्जी में कही गई बातें पेशबंदी और गुमराह करने उद्देश्य से हैं। उनके कथन असत्य व निराधार हैं। पुलिस के द्वारा जवाब दाखिल किए जाने के बाद मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 27 मार्च की डेट मुकर्रर किया है। मुकदमे से सम्बंधित अधिवक्ता का कहना है कि अब इस मामले में नियत डेट पर विस्तृत सुनवाई कोर्ट करेगा।


जानिए क्या है यह पूरा प्रकरण
धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेमसराय जयंतीपुर में 24 फरवरी को दिनदहाड़े उमेश पाल व उसके दो गनर संदीप निषाद एवं राघवेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
दिनदहाड़े हुई इस घटना में उमेश की पत्नी जया पाल के द्वारा केस दर्ज किराया गया था।
नामजद किए गए अभियुक्तों में माफिया अतीक अहमद, पत्नी शाइस्ता परवीन एवं अशरफ व गुड्डू मुस्लिम एवं गुलाम सहित बेटों का भी नाम शामिल है।
घटना के बाद नामजद शाइस्ता परवीन खुद घर बार छोड़कर अंडर ग्राउंड हो गईं। शाइस्ता परवीन की ओर से उसके अधिवक्ता विजय मिश्र के जरिए कोर्ट में अर्जी दी गई थी।

शाइस्ता परवीन की अर्जी पर दाखिल जवाब में पुलिस द्वारा उसके बेटों को राजरूपपुर बाल संरक्षण गृह में होने की बात कही गई है। मामले में सुनवाई के लिए अगली डेट 27 मार्च नियत की गई है।
गुलाब चंद्र अग्रहरि
जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी