प्रयागराज ब्यूरो । मानवाधिकार आयोग द्वारा दो दिवसीय बाल अधिकार प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। दीप प्रज्ज्वलन व गायत्री मंत्रोच्चारण के बाद संगीत विभाग की छात्राओं ने कुलगीत की प्रस्तुति दी। ओर चिरैया पर स्मृति ने भावमय नृत्य की प्रस्तुति दी। अध्यक्ष शासी निकाय पंकज जायसवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बाल अधिकारों के बाबत सरकारी प्रयासों पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि लेफ्टिेनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह, निदेशक मानवाधिकार आयोग ने कहा कि स्वतंत्रता प्रदान करते ही अधिकारों की बात करने के पहल कर्तव्यों की बात करें। विशिष्ट अतिथि प्रो आशीष सक्सेना विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र एयू ने बालकों के जीवन के सुरक्षा के सहभागिता के मानवाधिकारों के वैश्विक और भारतीय समाज में प्राप्त अधिकारों पर प्रकाश डाला। इस दौरान एयू के संबद्धा महाविद्यालय और स्टेट यूनिवर्सिटी से आए प्रतिभागियों ने प्रश्न पूछे। सिटी मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने कहा कि बालक अपने जन्म के समय अन्य जीवों से भिन्न नहीं होता। वह अपने सगे संबंधियों व सामाजिक संबंधों तथा आसपास के वातावरण से संस्कारित होता है जिससे उसका विकास होता है।

शारीरिक व मानसिक विकास पर जोर
जीवन ज्योति अस्पताल की निदेशक डा वंदना बंसल ने बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास पर जोर दिया। कहा कि बच्चे अपना अधिकार स्वयं प्राप्त नहीं कर सकते इसलिए माता-पिता, स्कूल, समाज व सरकार का प्रमुख दायित्व है कि उनके अधिकार दिलाएं जाए। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या प्रो अर्चना पाठक तथा संचालन चीफ प्राक्टर डा रंजना त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में सलाहकार डा ममता गुप्ता, उपप्राचार्या डा इमा सिरोठिया, डा अंजू श्रीवास्तव, डा नीलांजना जैन, डा मुदिता तिवारी, डा श्याम कांत, डा अमित कुमार, डा शशि, डा नीलंाजना जैन, डा मुदिता तिवारी, डा श्याम कांत, डा अमित कुमार, डा शशि, डा नाजनीन, डा अवधेश, डा अमित पांडेय आदि मौजूद रहे।