प्रयागराज (ब्‍यूरो)। श्रीदिगंबर जैन समाज के चल रहे पर्यूषण महापर्व के चौथे दिन बुधवार को जीरो रोड स्थित जैन मंदिर में श्रद्धालुओं ने उत्तम शौच धर्म की पूजा का आयोजन किया। पंडित सुनील जैन के सानिध्य में सुबह अभिषेक, शांतिधारा, नित्य पूजा व विधान की पूजा सम्पन्न हुयी। प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य निखिल जैन आगरा को मिला। इसके पश्चात पुष्पदंत भगवान के मोक्ष कल्याणक पर श्रावकों ने नौवें तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान की पूजा अर्चना कर निर्वाण कांड बोलकर 9 किलो का निर्वाण लडडू चढ़ाया। निर्वाण लडडू चढाने का सौभाग्य राधा जैन को मिला।

बताया धर्म का अभिप्राय
पंडित सुनील जैन ने उत्तम शौच धर्म के बारे में बताया कि उत्तम शौच धर्म का अभिप्राय शारीरिक स्वच्छता से नहीं, अपितु आत्मा की निर्मलता से है। उन्होंने कहा कि आज मनुष्य धन-दौलत आदि विषयों के साथ ही भोग-विलास की वस्तुओं के प्रति आवश्यकता से अधिक आसक्त है। मनुष्य की इस प्रवृत्ति को लोभ कहते हैं। लोभी को किसी भी अवस्था में संतुष्टि नहीं मिलती। उसकी आशाओं और अपेक्षाओं का संसार कभी समाप्त नहीं होता। अपनी इसी प्रवृति के कारण लोभी अपनी संतुष्टि के लिए पाप की हर सीमा को पार कर जाता है। यही कारण है कि लोभ को पाप का बाप कहा गया है। लोभ रूपी मैल से मुक्ति का भाव ला आत्मा को निर्मल करना ही उत्तम शौच धर्म है। शाम को भक्ति संगीत के अलावा आरती और प्रश्नमंच का आयोजन किया गया विजयी प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया। राजेश कुमार जैन ने बताया कि गुरुवार को उत्तम सत्य धर्म की पूजा की जाएगी।