मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बेहतर इलाज देने के लिए किया निर्देशित

कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को स्वरूपरानी अस्पताल प्रशासन को 150 आइसीयू मॉनीटर दिए। इसकी मदद से मरीजों को राहत मिलेगी। कैबिनेट मंत्री ने डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ का उत्साहवर्धन किया। कहा कि प्रत्येक मरीज को अपने परिवार के सदस्य की तरह देखें और उनकी समस्याओं का निदान करें।

जरूरी संसाधनों की बनावें सूची

जिलाधिकारी भानुचंद गोस्वामी, प्राचार्य डॉ। एसपी सिंह से अस्पताल के लिए जरूरी संसाधनों की सूची बनाने के लिए भी कहा गया। आवश्यक डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ आदि की जरूरतों के बारे में भी प्रस्ताव बनाने के लिए निर्देशित किया गया। मंत्री ने अस्पताल परिसर में पीने के पानी, दवाइयों, जांच संबंधी सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही, वार्डो की नियमित सफाई, सैनिटाइजेशन आदि पर भी ध्यान देने के लिए कहा। निर्देशित किया कि अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों का हाल उनके तीमारदारों को प्रतिदिन मिल सके इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं। इस मौके पर फूलपुर सांसद केसरी देवी पटेल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष कमलेश कुमार, महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी, अधीक्षक डॉ। एके सक्सेना, गौतम त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

मंत्री ने बीपीसीएल का किया निरीक्षण

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गुरुवार को भारत पंप एंड कंप्रेशर लिमिटेड (बीपीसीएल ) का दौरा किया। उन्होंने कंपनी के सिलिंडर प्लांट को जाकर देखा और उनकी मशीनों को चलवा कर उसके बारे में पूछताछ की। कर्मचारियों ने बताया कि शासन के आदेश पर 90 फ़ीसद आक्सीजन सिलेंडर तैयार कर लिया है, जो लाइसेंस मिलते ही आपूíत कर दी जाएगी। कर्मचारियों ने उनसे कंपनी के भविष्य को बचाने की गुहार लगाई। कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि पिछले आठ दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में कंपनी को बंद करने का निर्णय लिया गया था। मजबूरी में कर्मचारियों ने सेवानिवृत्त के लिए फार्म भर दिया था। वर्तमान में 41 कर्मचारी और 23 अधिकारियों का 27 साल का सेवाकाल बचा हुआ है। उनका भविष्य अंधकारमय हो गया है।

241 नए केस मिले, सात ने तोड़ा दम

गुरुवार को नए संक्रमितों की संख्या में थोड़ा इजाफा हुआ। कुल 241 नए कोरोना संक्रमित चिन्हित किये गये। सात लोगों ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। पिछले तीन दिनों से नए संक्रमित मिलने के मामले में अप डाउन की स्थिति बनी हुई है। ग्राफ दो से ढाई सौ के बीच अटका हुआ है।