एडीए के सभाकक्ष में एकत्र हुए कर्मचारी नेता

सरकारी आदेशों को बताया तुगलकी फरमान

ALLAHABAD: चीफ सेक्रेट्री ने कह दिया है कि सरकारी ऑफिसेस का टाइम सुबह दस बजे ही है, इसके भी सुबह नौ बजे ऑफिस पहुंचना अनिवार्य किए जाने के फैसले से राज्य कर्मचारी बेहद खफा हैं। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है और कहा है कि सरकार कर्मचारियों के उत्पीड़न पर आमादा है। बुधवार को एडीए सभाकक्ष में जुटे उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के सदस्यों ने 11 सूत्री मांगों को रखा और कहा कि इसे लागू करवाने के लिए सरकार से बात की जाएगी।

सभी ऑफिसेज के लिए आदेश

कर्मचारियों के सुबह नौ बजे कार्यालय पहुंचने के आदेश लगभग सभी विभागों में फॉलो किया जा रहा है। एक्चुअली सभी अफसरों को आदेश है कि वे सुबह नौ बजे से जन समस्याओं को सुनें। चूंकि, अफसरों को ऑफिस में ही बैठना अनिवार्य कर दिया गया है तो उन्होंने कर्मचारियों पर भी सुबह नौ बजे तक ऑफिस पहुंचने का प्रेशर बनाना शुरू कर दिया है। कर्मचारियों कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हित की मांगों को नजरअंदाज करके उनका शोषण कर रही है। कहा गया कि सरकार ने पचास वर्ष पूर्ण कर चुके कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृ्िरत्त का आदेश जारी कर दिया है और बदले में नई भर्तियां नही की जा रही हैं। इससे काम के बोझ तले दबे कर्मचारियों पर अधिक भार बढ़ेगा।

आउटसोर्स कर्मचारी बढ़ाने का षड़यंत्र

सरकार आउटसोर्सिग प्रथा को शत प्रतिशत लागू करने का षडयंत्र कर रही है। सभा की अध्यक्षता महासंघ अध्यक्ष नरसिंह और संचालन राजेंद्र त्रिपाठी ने किया। इस दौरान अजीत श्रीवास्तव, भरतजी शुक्ला, त्रिवेणी प्रसाद, मूलचंद्र यादव, मुनौवर एजाज, राहुल यादव, सिद्धार्थ सोनकर, शांति भूषण आदि ने मांगे पूरी नही होने पर आंदोलन की राह पर जाने की चेतावनी प्रदेश सरकार को दी।