22 नवंबर से 22 दिसंबर 2019 तक अभ्यर्थियों से लिया गया था ऑनलाइन आवेदन

22 जुलाई 2020 से शिक्षक भर्ती के लिए शुरू हुई थी इंटरव्यू की प्रक्रिया

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पिछड़ा आयोग ने स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए शिक्षक भर्ती में बैरहना की रेखा सिंह की शिकायत पर लिया संज्ञान

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PRAYAGRAJ: प्रो.राजेन्द्र सिंह रज्जू भइया स्टेट यूनिवर्सिटी में पिछले दिनों हुई शिक्षक भर्ती में विवाद शुरू होने लगा है। शिक्षक भर्ती को लेकर हुई शिकायत के बाद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने स्टेट यूनिवर्सिटी से शिक्षक भर्ती को लेकर जवाब तलब किया है। आयोग ने जवाब दाखिल करके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है। आयोग से हुई शिकायत में भर्ती प्रक्रिया में जमकर मनमानी किए जाने का आरोप लगा था। जिसके बाद आयोग की ओर से यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी की गई है।

स्टेट यूनिवर्सिटी में 15 विषयों में 76 पदों पर हुई थी भर्ती

स्टेट यूनिवर्सिटी में विभिन्न 15 विषयों के 76 पदों पर शिक्षक भर्ती पिछले दिनों हुई थी। इसमें प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के 19-19 तथा असिस्टेंट प्रोफेसर के 38 पदों भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई थी। इस के लिए 22 नवंबर से 22 दिसंबर 2019 तक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। 22 जुलाई से शिक्षक भर्ती के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इसके बाद कार्य परिषद की बैठक में शिक्षकों की नियुक्ति पर मुहर भी लग गई। जिसके बाद बैरहना की रहने वाली रेखा सिंह ने पिछड़ा वर्ग आयोग को पत्र भेजकर भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया।

नान सुटेबल फाउंड घोषित करने का है आरोप

प्रो। राजेन्द्र सिंह रज्जू भइया स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए शिक्षक भर्ती में रेखा सिंह की ओर से आरोप लगाया गया है कि पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति के पदों को नॉन सुटेबल फाउंड यानी एनएसएफ घोषित कर दिया गया। इसके साथ ही कई विषयों में इंटरव्यू में आरोप लगाया गया है कि कम एपीआई अंक वाले आवेदकों को बुलाया गया, जबकि अधिक अंक वालों को दरकिनार कर दिया गया। साथ शिक्षक भर्ती की पूरी प्रक्रिया से कुलसचिव को दूर रखा गया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि शैक्षिक पदों की नियुक्ति के लिए वर्णमाला के वर्णक्रम गलत हैं और गलत वर्णक्रम में आरक्षण रोस्टर भी गलत है। आरोप है कि 10 अगस्त को कार्य परिषद की बैठक में उपकुलसचिव प्रशासन और कार्यवाहक परीक्षा नियंत्रक ने प्रक्रिया को गलत बताया तो उन्हें सीमा में रहने की चेतावनी भी दी गई।

आयोग ने एक सप्ताह के भीतर मांगा जवाब

मामले को संज्ञान में लेकर पिछड़ा वर्ग आयोग की संयुक्त निदेशक मधुमाला चट्टोपाध्याय ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को पत्र भेजकर जवाब तलब किया है। आयोग ने पत्र में स्पष्ट किया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर जवाब नहीं मिलता है तो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 ख के तहत आयोग न्यायिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए सुनवाई करने का निर्णय लेगा।

किसी भी प्रकार की नोटिस पिछड़ा आयोग की ओर से भेजी गई है, इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

शेषनाथ पाण्डेय, रजिस्ट्रार, प्रो.राजेन्द्र सिंह रज्जू भइया स्टेट यूनिवर्सिटी