प्रयागराज ब्यूरो । इस साल भीषण गर्मी पडऩे से एसी की जमकर बिक्री हो रही है। अप्रैल और मई में हजारों एसी देखते ही देखते बिक गए। लेकिन, क्या आपको पता है कि गर्मी में ठंडक का अहसास दिलाने वाला एसी जरा सी लापरवाही बरतने पर कई जिंदगियां भी तबाह कर सकता है। जबरदस्त गर्मी पडऩे से देशभर में होने वाली एसी फटने की घटनाएं इसका उदाहरण हैं। जरा सी लापरवाही से लोगों की जान जा रही है। एक्सपट्र्स का कहना है कि तापमान के अधिक होने पर एसी चलाने में कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। ताकि, जान और माल की हानि होने से बचाया जा सके।

कराते रहे मेंटनेंस

एक्सपर्ट बताते हैं कि एयर कंडीशनर को आमतौर पर अधिकतम 42 डिग्री सेग्रे तापमान के लिए बनाया जाता है। लेकिन इस बार तापमान 48 डिग्री तक पहुंच रहा है। ऐसे में एसी का खराब होना या उसमें ब्लास्ट होने की घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। लोगों में जागरुकता नहीं होने पर वह एसी के मेंटनेंस पर ध्यान नहीं देते और अधिक हीट होने पर उसका कम्प्रेसर फट जाता है। ऐसे में जो लोग एसी के नजदीक होते हैं, उनके भी जख्मी होने की संभावना बढ़ जाती है।

दिनभर में सात से आठ कॉल

पूरी तरह से कूलर और एसी पर निर्भर लोगों की जेब भी खाली हो रही है। आए दिन अधिक गर्मी से होने वाली ट्रिपिंग की शिकायत बढ़ गई हैं। यही कारण है कि एसी मैकेनिकों के पास कम्प्लेन की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। मैकेनिक शरद सिंह का कहना है कि एक दिन में सात से आठ कॉल आ जाती हैं। इसलिए व्यवस्था भी बढ़ गई है। साथ ही देशभर में होने वाली एसी ब्लास्ट की घटनाओं से लोग डरे हुए हैं। वह इस बारे में बचाव के कारणों को भी पूछ रहे हैं।

इन कारणों से लगती है आग

- एसी की क्षमता 42 डिग्री तापमान बर्दाश्त करने की होती है। 47 से 48 डिग्री होने पर अधिक हीट होने से एसी ब्लास्ट कर जाता है।

- कई बार टेक्नीशियन नाइट्रोजन डाल कर सफाई कर रहे होते और एसी गलती से ऑन हो जाता है, ऐसी स्थिति में भी आग लग जाती है।

- अगर एसी की वायरिंग में इस्तेमाल किया गया तार, प्लग, सॉकेट और सर्किट ब्रेकर अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं तो इसके कारण एसी में आग लग सकती है।

- एसी पर वोल्टेज के फ्लक्चुएशन का प्रभाव पड़ता है। इसके कारण भी एसी में आग लग सकती है। इसके लिए पहले वोल्टेज को स्थिर होने दें उसके बाद ही एसी का इस्तेमाल करें।

- पहले एसी में आर 32 गैस भरी जाती थी जो ज्वलनशील होती थी। अब इको फ्रेंडली गैस आर 22 डाली जाती है। इसमें आग लगने की संभावना कम होती है।

- गर्मी में एसी सही तरीके से चले इसके लिए जरूरी है कि एसी के फिल्टर को समय-समय पर साफ किया जाए। इसमें धूल जमने से एसी के एयरफ्लो में बाधा आती है जिससे एसी पर ज्यादा लोड पड़ता और ओवरहीट हो जाता है। कई बार इसी की वजह से एसी आग पकड़ लेता है।

- अगर आपके एसी का कंप्रेसर छत पर खुले में लगा है तो उसके ऊपर शेड बनवा दें जिससे उसके टेंपरेचर में 5 से 6 डिग्री का अंतर आ जाएगा। एसी के कंप्रेसर या आउटर यूनिट पर एक मग पानी डालते रहे ताकि टेंपरेचर कंट्रोल में रहे।

- किसी भी हादसे से बचने के लिए समय-समय पर सर्विस करानी चाहिए। इसके साथ ही एसी के आउटडोर यूनिट का सेटअप ऐसी जगह हो जहां पर्याप्त जगह हो और हवा आती हो।

- एसी का इस्तेमाल करते समय एक से दो घंटे में इसके पांच से सात मिनट के लिए बंद कर दें।

एसी की रिकार्ड बिक्री

पिछले एक सप्ताह में शहर में एसी की रिकार्ड बिक्री हुई है। तापमान अधिक होने पर लोग एसी खरीदकर घर ले जा रहे हैं। केवल केके सेल्स प्रतिष्ठान ने एक सप्ताह में सौ यूनिट एसी की बिक्री की है। वही दो माह के भीतर शहर में बीस हजार एसी की बिक्री हो चुकी है। लोग गर्मी से बचने के लिए एसी की हवा का आनंद ले रहे हैं।

एसी ट्रिपिंग की समस्या तेजी से बढ़ रही है। रोजाना आधा दर्जन से अधिक कम्प्लेन मेरे पास आ रही है। अधिक हीट होने पर एसी बंद हो जाता है। लोग जागरुक नही हैं। समय से सर्विस नही कराने से ऐसी समस्याएं आती हैं। इसी कारण से ब्लास्ट की समस्या भी आती है।

राजकुमार, एसी मैकेनिक

एक सप्ताह से गर्मी ने स्पीड पकड़ ली है। इस दौरान हमारे प्रतिष्ठान ने सौ यूनिट एसी बेची है। लोगों में गर्मी को देखकर एसी की डिमांड बढ़ गई है। मेरा मानना है कि ऐसी का इस्तेमाल करने के साथ उसके मेंटनेंस पर ध्यान देना जरूरी है। प्रॉपर सर्विस नही होने और अधिक हीट होने से एसी में विस्फोट की समस्या हो सकती है।

अभिनव श्रीवास्तव, केके सेल्स सिविल लाइंस