-माघ मेले की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गो पर वाहनों का प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित

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PRAYAGRAJ: माघ मेले के दूसरे बड़े स्नान मकर संक्रांति को लेकर प्रशासनिक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। माघ मेले के दूसरे महत्वपूर्ण स्नान पर्व मकर संक्राति का मुख्य स्नान 15 जनवरी को होना है। ऐसे में सिक्योरिटी से लेकर ट्रैफिक सिस्टम की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। इसकी बानगी भी मंगलवार को देखने को मिली। माघ मेले की तरफ जाने वाले सभी प्रमुख मार्गो पर वाहनों को मंगलवार से ही बैन कर दिया गया। जबकि मेले की तरफ जाने वाले स्नानार्थियों की भीड़ उम्मीद से काफी कम थी। रास्ता बंद होने के कारण लोग इधर उधर अपनी दो पहिया और चार पहिया वाहनों को खड़ी करने के लिए मशक्कत करते रहे।

14 से ही आने लगे स्नानार्थी

मकर संक्राति के स्नान को देखते हुए 14 जनवरी से ही मेला क्षेत्र में स्नानार्थी पहुंचने लगे थे। पूरानी मान्यता के अनुसार अभी तक 14 जनवरी को ही मकर संक्रांति मनाया जाता था। स्नानार्थियों ने मंगलवार को भी संगम में स्नान किया। वहीं इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को पड़ रही है। ऐसे में प्रशासन को उम्मीद है कि 15 जनवरी को करीब 80 लाख लोग संगम पर लगे माघ मेले में स्नान करेंगे। इसके लिए प्रशासन की ओर से सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। वहीं मेले में स्नानार्थियों के आने की भीड़ के अनुमान को देखते हुए वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था अलग से की गई है।

मकर संक्रांति पर धनु छोड़ मकर राशि में प्रवेश करते हैं सूर्य

ज्योतिषाचार्य पं दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। भारतीय ज्योतिष विज्ञान के अनुसार सूर्य इसी दिन उत्तरायण भी होते हैं। उत्तरायण सूर्य का सनातन धर्म में विशेष महत्व माना गया है। इसी दिन से दिन बड़ा और रातें छोटी होने लगती हैं।

तिल, खिचड़ी का करें ध्यान

मान्यता के अनुसार मकर संक्रांति पर स्नान करने वाले स्नानार्थियों को तिल, खिचड़ी और द्रव्य का दान करना चाहिये। दान के साथ ही भगवान सूर्य की विशेष पूजा करने का भी महत्व शास्त्रों और ज्योतिष में बताया गया है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से खरमास की भी समाप्ति मानी जाती है। इसके बाद शुभ कार्यो की शुरुआत भी हो जाएगी।