- कॉलेजेस में एडमिशन प्रक्रिया पर हड़ताल की आंच, सीएमपी ने स्थगित किया प्रवेश कार्य

- एयू प्रशासन सख्त, रजिस्ट्रार ने कहा बगैर रिक्रूटमेंट रूल के हुई थी कर्मचारियों की भर्ती

- थर्सडे से अवैध मानी जाएगी हड़ताल, लागू होगा नो वर्क नो पे

ALLAHABAD: कर्मचारी अपनी जिद पर अड़े हैं तो एयू प्रशासन भी सख्त है। कोई झुकने को तैयार नहीं है। नतीजा यह कि कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की आंच वेडनेसडे को प्रवेश प्रक्रिया तक पहुंच गई। सीएमपी ने हड़ताल के समर्थन में वेडनेसडे को कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। उधर एयू के रजिस्ट्रार ने कहा है कि थर्सडे से हड़ताल अवैध मानी जाएगी। इस दशा में थर्सडे से नो वर्क नो पे की व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।

रुकवा दिया प्रवेश कार्य

यूनिवर्सिटी और उससे जुड़े कॉलेजेस में चल रही हड़ताल के क्रम में वेडनसडे को कॉलेजेस में चल रहे प्रवेश कार्य को स्थगित कर दिया गया। कॉलेज के कर्मचारियों ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एंड कॉलेजेस कर्मचारी यूनियन की अगुवाई में सभी जगहों पर जाकर प्रवेश कार्य को रुकवा दिया। इम्प्लाईज के विरोध को देखते हुए सीएमपी डिग्री कॉलेज ने अपने यहां प्रवेश कार्य को अग्रिम सूचना तक के लिए स्थगित कर दिया है। हालांकि, अभी भी ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज, राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय जैसे कॉलेज ने आगे भी प्रवेश कार्य जारी रखने का निर्णय लिया है।

एयू इम्प्लाईज ने खारिज किया पत्र

उधर, कॉलेजेस की तरह ही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी शिक्षणेत्तर कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी लगातार चौदहवें दिन यूनिवर्सिटी में अपनी हड़ताल जारी रखी। परिषद के इम्प्लाईज उस समय आक्रोशित हो उठे जब एयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से एक पत्र मिला। इस पत्र में कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध ठहरा दिया गया है। कर्मचारियों ने पलटवार करते हुए हड़ताल को अवैध ठहराए जाने की निंदा की। वेडनसडे को कर्मचारियों के समर्थन में बिहार के पूर्व विधायक अनिल कुमार सिंह और राष्ट्रीय मजदूर संगठन की डॉ। नीतू सिंह भी पहुंची। प्रदर्शन में डॉ। संतोष सहाय, मुश्ताक अहमद, अशर्फी लाल गौड़, छोटे लाल मौर्य आदि शामिल रहे।

समायोजन, प्रमोशन में कई बाधाएं

उधर, कर्मचारियों के प्रदर्शन के बीच शाम को हुई एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रोफेसर बीपी सिंह ने कहा कि यदि कर्मचारी अपने आंदोलन को समाप्त नहीं करते तो उनकी हड़ताल थर्सडे से अवैध मानी जाएगी। साथ ही नो वर्क नो पे का नियम लागू किया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों की किसी भी मांग को तुरंत पूरा किए जाने पर विवशता जाहिर करते हुए कहा कि इसमें कई विधिक बाधाएं हैं। इसमें सबसे बड़ा रोड़ा रिक्रूटमेंट रूल के मुताबिक कर्मचारियों की नियुक्ति न होना भी शामिल है। उन्होंने संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को बाहर किए जाने के भी संकेत दिए।

पत्रकार वार्ता में ही हंगामा

रजिस्ट्रार की पत्रकार वार्ता के बीच ही स्टूडेंट्स का एक ग्रुप पहुंच गया और मौके पर जमकर हंगामा काटा। छात्र इस बात को लेकर नाराज थे कि रजिस्ट्रार एयू कैम्पस में स्थित कार्यालय में आकर समस्या का समाधान निकालने की बजाय अपनी मनमानी कर रहे हैं। उधर, लगातार तीसरे दिन वाइस चांसलर आफिस पर अम्बुज मिश्र, अभय सिंह एवं विवेक वर्मा का अनशन जारी रहा।