प्रयागराज ब्यूरो । शांति व सुरक्षा के मद्देनजर यूनिवर्सिटी में पुलिस के जवानों किया मार्चपास्ट, छात्र कर रहे कार्रवाई की मांग
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रों के बीच चल रही खींचतान पांचवें दिन भी जारी रही। गुरुवार रात लाइब्रेरी के सामने धरने बैठे छात्रों को सुरक्षा कर्मी खदेड़ कर गेट के बाहर कर दिए। गेट के बाहर किए जाने का विरोध कर रहे छात्रों से धक्कामुक्की भी की गई। इसके बाद गेट में ताला जड़ दिए। इससे नाराज छात्र नारेबाजी करने लगे। सिर पर काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन व धरना दे रहे छात्र गेट पर ही बाहर धरने पर बैठ गए। शुक्रवार को गेट पर ही छात्रों का धरना जारी रहा। चीफ प्रॉक्टर व विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे छात्रों में काफी गुस्सा है। छात्र चीफ प्रॉक्टर सहित अन्य पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उधर एबीवीपी के प्रदेश सह मंत्री कार्तिकेय पति त्रिपाठी ने कहा कि यदि छात्रों की छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। यदि छात्रों की मांग पूरी नहीं होती तो सभी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। छात्रों के गुस्से से माहौल को गर्म देख हुए सुरक्षा के मद्देनजर यूनिवर्सिटी में पुलिस के जवानों द्वारा मार्च पास्ट किया गया। देर रात तक सैकड़ों की संख्या में छात्र धरने पर बैठे रहे।

बाहर कर गेट में लगा दिए ताला
छात्र से अभद्रता जैसे आरोप लगाते हुए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट पांच दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बताते हैं कि गुरुवार रात सिर में काली पट्टी बांधकर छात्र लाइब्रेरी के सामने धरने पर बैठे थे। आरोप है कि इस बीच सुरक्षा कर्मियों के जरिए उन्हें धरने से उठाने की कोशिश की गई। जब छात्र धरने से नहीं उठे तो उन्हें सुरक्षा कर्मियों के जरिए जबरिया गेट के बाहर कर दिया गया। सुरक्षा कर्मियों के इस बर्ताव से खफा छात्रों नारे बाजी करने लगे। इस बीच कुछ छात्र और सुरक्षा कर्मियों के बीच धक्कामुक्की होने लगी। हालांकि सुरक्षा कर्मी धरनारत छात्रों को गेट से बाहर करने में कामयाब हो गए। छात्रों को गेट से बाहर करने के बाद गेट में ताला लगा दिया गया। यह देखकर इलाहाबाद यूविर्सिटी व चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ छात्र नारेबाजी करने लगे। काफी देर तक गेट पर ही नारेबाजी कर रहे छात्र वहीं धरने पर बैठ गए। सुबह तक उनका यह धरना गेट पर ही बाहर साइड चलता रहा। शांति और सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस फोर्स काफी एक्टिव रही।


आडियो से व्यथित छात्र ने लिखा पत्र
छात्रों के गुस्से को देखते हुए पुलिस के जरिए यूनिवर्सिटी में शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से मार्चपास्ट किया गया। छात्रों की मानें तो उन्हें डराने के उद्देश्य से सैकड़ों की संख्या में पुलिस के जवानों द्वारा कॉलेज परिसर में गश्त किया गया। उधर प्राचीन इतिहास का परास्नातक प्रथम वर्ष के छात्र केशव मिश्र ने विभागाध्यक्ष को पत्र लिखकर प्रवेश निरस्त करने की मांग की। दिए गए पत्र में लिखा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा एक छात्र से अभद्र व्यवहार की खबर मिली है। वायरल आडियो से पता चलता है कि छात्र की काफी पिटाई की गई है। ऐसी स्थिति में उसे इस बात का भय है कि यह किसी भी छात्र के साथ हो सकता है। आडियो से ऐसा लगता है कि इस कृत्य में विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर का भी हाथ है। कहा है यदि ऐसा है तो ऐसे विभाग से उसे अपना नाम जोडऩा गवारा नहीं है। छात्र केशव ने मांग किया है कि विभाग से उसका प्रवेश निरस्त किया जाय।


आंदोलन से अब गांधी गीरी पर छात्र
साथी छात्र अभिषेक गुप्ता की पिटाई से खफा छात्रों का आंदोलन अब गांधी गीरी की तरफ चल पड़ा है। इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे छात्र सर्दी और ओस की परवाह किए बगैर रात-रात भर धरने पर बैठे हैं। इस कड़ाके की ठंड भी उनके गुस्से को ठंडा नहीं कर पा रही है। साथी के साथ हुई बर्बरता को देख और सोचकर छात्रों के खून की तारीख ठंडा होने का नाम नहीं ले रही है। वह आंदोलनात्मक रास्ता से हटकर अब विरोध में काली पट्टी बांधकर गेट के बाहर ही सही धरने पर डटे हुए हैं।