- काउंसिलिंग को लेकर हेल्प लाइन सेंटर पर स्टूडेंट्स की क्वैरीज का नहीं मिल रहा समाधान

-

ALLAHABAD: इंट्रेस एग्जाम क्वालिफाई करने के बाद अब एडमिशन लेने की तैयारी है। काउंसिलिंग का दौर शुरू हो चुका है। स्टूडेंट्स को काउंसलिंग में किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए हेल्प सेन्टर्स भी बनाएं गए हैं। लेकिन इन पर स्टूडेंट्स की क्वैरीज का साल्युशन नहीं मिल पा रहा है। सैटरडे को महिला पॉलिटेक्निक में ऐसा ही नजारा दिखा। हेल्प लाइन सेंटर्स पर जब स्टूडेंट्स पहुंचे तो उनकी प्रॉब्लम सॉल्व करने वाला कोई नहीं मिला। स्टूडेंट्स ने बताया कि हेल्प सेंटर्स पर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन लेने जाते हैं तो वे थोड़ी देर रुकने की बात कहकर उन्हें टाल देते हैं। घंटों वेट करना पड़ता है।

हेल्प लाइन में कोई नहीं सुनता

कुशीनगर के रहने वाले जाविर हुसैन ने बताया कि वे सुबह नौ बजे से महिला पॉलिटेक्निक पहुंचे थे। उनके डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन में हुई प्रॉब्लम का सॉल्यूशन खोजने पहुंचे तो वहां कोई नहीं मिला। थोड़ी देर बाद फिर जब वे हेल्प सेंटर पर पहुंचे तो वहां बैठे लोगों ने एक घंटे बाद आने की बात कही। जाविर ने बताया कि एक घंटे बाद भी सॉल्यूशन बताने की जगह गलतियों को गिनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। जाविर की तरह ही कई दूसरे स्टूडेंट्स ने भी कहा कि हेल्प लाइन सेंटर सिर्फ दिखाने के लिए ही बना है। जिसके कारण दोपहर तक बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स पालिटेक्निक कालेज के कैंपस में बैठ कर इंतजार करते दिखे।

सार्टिफिकेट की अपलोडिंग में हो रही गलती

पॉलिटेक्निक की काउंसिलिंग के दौरान सबसे अधिक समस्या स्टूडेंट्स द्वारा सर्टिफिकेट के अपलोडिंग में की गई गलती से हो रही है। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्होंने न्यूनतम अर्हता की जगह दूसरे सर्टिफिकेट अपलोड कर दिए। जिसके कारण उनके डाक्यूमेंट्स के वेरिफिकेशन का काम नहीं पूरा हो सका। उधर महिला पॉलिटेक्निक के प्रिंसिपल एसके सिंह ने बताया कि बच्चों ने बड़ी संख्या में ऐसी गलती की है। जिसके कारण उनके ऑन लाइन डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन में प्रॉब्लम आयी है। कालेज के प्रिंसिपल एसके सिंह ने कहा कि स्टूडेंट्स अपने ग्रुप के हिसाब से जो न्यूनतम अर्हता मांगी गई है, उसके हिसाब से डाक्यूमेंट अपलोड करें। अगर ग्रुप ए में स्टूडेंट्स से हाईस्कूल की अर्हता मांगी गई है तो वे हाई स्कूल का सर्टिफिकेट ही अपलोड करें। इंटर या उससे ऊपर की क्लास के सर्टिफिकेट को नहीं।

गलत अपलोडिंग पर भेजे जा रहे एसएमएस

काउंसिलिंग के लिए डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन के अपलोडिंग में आ रही समस्या या खामियों को लेकर स्टूडेंट्स को कॉल या एसएमएस के जरिए सूचना दी जा रही है। जिससे वे सेंटर पर पहुंचकर अपने डाक्यूमेंट सही करा सकें। प्रिंसिपल एसके सिंह के मुताबिक डाक्यूमेंट वेरीफिकेशन होने के बाद बच्चों के मोबाइल फोन पर पार्सवर्ड भेज दिया जाता है। जिसके बाद वे ऑन लाइन अपनी च्वाइस लॉक कर सके।