प्रयागराज ब्यूरो । आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर लेखपालों का विरोध ज्यादा दिन चला तो भविष्य में बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। हजारों लोगों का एडमिशन, नौकरी का फार्म, पेंशन, आधार, पैन आदि के लिए आवेदन करना मुश्किल हो जाएगा। वह भी महज पांच रुपए के लिए। बता दें कि इन तीनों प्रमाण पत्रों को जारी करने के एवज में लेखपालों को सरकार की ओर से पांच रुपए प्रति प्रमाण पत्र दिए जाने का प्रावधान किया गया है। लेकिन पिछले दो साल से भुगतान नही होने पर लेखपालों ने आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र पर आख्या लगाने से इंकार कर दिया है। जिसके बाद इन सर्टिफिकेट्स को जारी करना मुश्किल हो जाएगा।

दो दिन पहले दी थी चेतावनी

लेखपाल संगठन ने दो दिन पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी। जिसमें कहा गया था कि 2022 से हमारा आय, जाति और निवास प्रमाण में आख्या लगाने के एवज में मिलने वाला प्रति सर्टिफिकेट पांच रुपए का भुगतान नही किया गया है। जिसको लेकर लेखपालों में आक्रोश पनप रहा है। शासन व प्रशासन से कहने के बावजूद बकाया भुगतान नही होने पर शुक्रवार से इस कार्य का बहिष्कार कर दिया जाएगा। जिसका असर सदर तहसील में साफ नजर आया। सुबह से लेखपाल कक्ष में ताला लटका रहा, जिसे देखकर लोग वापस लौट गए।

350 लेखपालों का 91 लाख का बकाया

जिले की सभी 8 तहसीलों में कुल 350 लेखपाल कार्यरत हैं। इन सभी का आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र जारी करने के एवज में 91.41 लाख का बकाया शासन और प्रशासन पर है। इसके लिए प्रशासन को फाइल भी भेजी जा चुकी है। लेखपालों का आरोप है कि दो माह से उनकी भुगतान की फाइल जिला कोषागार में अटकी हुई है। अगर इसे आगे बढ़ा दिया जाता तो अब तक भुगतान क्लीयर हो सकता था।

किस तहसील का कितना बकाया

तहसील बकाया (रुपए में)

सोरांव 1567725

सदर 999280

हंडिया 1657305

फूलपुर 1642090

मेजा 918995

करछना 1236355

कोरांव 579425

बारा 540070

कुल 9141245

तो मच जाएगा हाहाकार

वर्तमान में तमाम स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में दाखिले की प्रक्रिया चल रही है। जिसमें आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र की सर्वाधिक आवश्यकता होती है। प्रतिदिन सभी तहसीलों को मिलाकर तीनों प्रमाणपत्रों के लिए ऑनलाइन 4 से 5 हजार आवेदन प्राप्त होते हैं। इनकी आवश्यकता एडमिशन के अलावा तमाम पेंशन, स्कालरशिप, नौकरी भर्ती प्रक्रिया, राशन कार्ड, आधार, पैन आदि बनवाने में पड़ती है। किसी सरकार योजना का लाभ लेने के लिए भी आय प्रमाण पत्र की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। आरक्षण का लाभ लेने के लिए जाति प्रमाण पत्र लगाना होता है। जितने आवेदन प्राप्त होते हैं उतने ही प्रमाण पत्र भी जारी किए जाते हैं। ऐसे में लेखपालों का विरोध अधिक दिनों तक चला तो हजारों लोगों के कई महत्वपूर्ण कार्य रुक सकते हैं।