- कॉलेजेस ने उठाया स्टेप, यूनिवर्सिटी ने मांगा ब्यौरा

- आज से शुरू होने हैं इवेन सेमेस्टर के एग्जाम

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) के इवेन सेमेस्टर एग्जामिनेशन में बैठने के इच्छुक उन परीक्षार्थियों को तगड़ा झटका लगा है, जिन्होंने पढ़ाई के दौरान क्लास अटेंड करने में लापरवाही बरती। ऐसे परीक्षार्थियों को सेमेस्टर एग्जाम में बैठने से रोक दिया गया है। कॉलेजेस की ओर से उठाए गए स्टेप के बाद यूनिवर्सिटी ने भी ऐसे स्टूडेंट्स को कोई राहत नहीं दी है और उनका पूरा ब्यौरा तलब किया है।

नहीं मिल सकी कोई रियायत

यूपीटीयू से जुड़े प्रदेशभर के कॉलेजेस के इवेन सेमेस्टर एग्जाम ट्यूजडे से शुरू होने जा रहे हैं। बीटेक, बीफार्मा, बीआर्क, एमबीए, एमसीए, बीएफएडी, बीएचएमसीटी इत्यादि कोर्स की परीक्षाएं सात जून तक संचालित की जाएंगी। इन परीक्षाओं में शामिल होने से उन परीक्षार्थियों को रोके जाने का निर्णय लिया गया है। जिनकी अटेंडेंस शार्ट रह गई है। यह निर्णय कॉलेजेस की ओर से अपने लेवल पर लिया गया। लेकिन अब उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है। यूनिवर्सिटी ने ऐसे परीक्षार्थियों का पूरा ब्यौरा कॉलेजेस से तलब कर लिया है। पहले यह माना जा रहा था कि परीक्षार्थियों को कुछ रियायत दी जा सकती है।

कॉलेजेस के खिलाफ होगी कार्यवाही

वहीं यूपीटीयू की ओर से जारी परीक्षा संबंधी निर्णयों में कहा गया है कि ऐसे परीक्षार्थी जिनके फार्म कॉलेज लॉगिन से नहीं भरवाए गए, उनका प्रवेश पत्र यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नहीं हो सका था। पूर्व में कॉलेज लॉगिन से परीक्षा फार्म न भरवाने वाले कॉलेजेस से अर्थदंड वसूलकर फार्म भरवा दिया गया है। फिर भी यदि कोई छात्र इस आधार पर परीक्षा से छूट जाता है तो इसकी जिम्मेदारी शैक्षिक संस्थानों की होगी और उनके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

बाद में जमा करवाएं परीक्षा शुल्क

इसके अलावा उन संस्थानों को भी हिदायद दी गई है, जिन्होंने परीक्षा शुल्क न जमा करने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा देने से रोक दिया है। यूनिवर्सिटी के परीक्षा नियंत्रक प्रो। बीएन मिश्र का कहना है कि समाज कल्याण विभाग ने अतिशीघ्र छात्रों की शुल्क प्रतिपूर्ति संस्थानों को मुहैया करवाए जाने का आश्वासन दिया है। ऐसे में परीक्षा शुल्क न जमा करने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठने दिया जाए। समाज कल्याण विभाग से शुल्क प्रतिपूर्ति मिलने के बाद छात्रों की फीस विश्वविद्यालय को भेजी जाए। परीक्षा के सकुशल संचालन के लिए ग्रुप लीडर, सदस्य एवं केन्द्र अधीक्षकों को तत्काल ड्यूटी लीव देने को कहा गया है।