प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज। यूनिवर्सिटी में धरना दे रहे छात्रों ने अब छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारियों से समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। सोमवार को एक पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री का समर्थन छात्रों को मिला। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने चार छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी की है। नोटिस जारी कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जवाब मांगा है।
12 दिन से चल रहा धरना
छात्र अभिषेक गुप्ता की पिटाई के मामले को लेकर 12 दिन से लगातार चौबीस घंटा छात्र लाइब्रेरी गेट पर जमा हैं। छात्रों का धरना जारी है। सोमवार को छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद दुबे ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी सारी हदें पार कर चुका है। कुलपति जल्द दोषी अफसरों पर कार्रवाई करें अन्यथा आने वाले दिनों में विश्वविद्यालय छात्र संघ के सभी पूर्व अध्यक्ष धरने पर बैठेंगे।
वहीं, जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व मंत्री राकेश कुमार दुबे ने कहा कि तानाशाही के खिलाफ लड़ाई जारी रहे। अधिवक्ता छात्रों के साथ खड़े हैं। इस मौके पर विमल तिवारी, विजय मिश्रा, अविनाश दुबे, प्रशांत सिंह, रवि सिंह, आशुतोष उपाध्याय समेत तमाम अधिवक्ता उपस्थित रहे।

चीफ प्राक्टर ने जारी किया नोटिस
चीफ प्राक्टर डा.राकेश सिंह ने छात्र अविनाश सिंह, उज्जवल यादव, रविशंकर यादव, आर्यन मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सभी छात्र बीए प्रथम वर्ष में है। नोटिस में कहा गया है कि चारों छात्र पंद्रह दिन के अंदर अपने पिता या अभिभावक के साथ चीफ प्राक्टर कार्यालय में उपस्थित होकर अपना लिखित स्पष्टीकरण दें। छात्रों पर धरना प्रदर्शन में शामिल होने, विश्वविद्यालय के कार्य में बाधा पहुंचाने, प्रशासनिक अफसरों, शिक्षकों और सुरक्षा गार्डों के विरुद्ध अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल का आरोप है।


यूनिवर्सिटी के छात्रों को अराजकतत्व बरगला कर धरना दे रहे हैं। छात्रों को ऐसे अराजकतत्वों के बहकावे में नहीं आना चाहिए। धरना दे रहे छात्रों को बाहरी समर्थन जुटाने के बजाए अपनी बात यूनिवर्सिटी प्रशासन से कहनी चाहिए। यूनिवर्सिटी के जो भी नियमित छात्र धरना में शामिल हैं, उनकी पहचान करके उन्हें नोटिस जारी की जा रही है।
डा.राकेश सिंह, चीफ प्राक्टर