-न्यू एजुकेशन पॉलिसी पर शिक्षाविद् व बोर्ड के रिटायर्ड अधिकारियों ने रखी राय

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PRAYAGRAJ: नई एजुकेशन पॉलिसी को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। वहीं शिक्षाविद इसके प्रपोजल्स को लेकर एकराय नहीं हैं। हालांकि एक्सप‌र्ट्स ने सेमेस्टर सिस्टम को स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद बताया है। उनका कहना है कि इस सिस्टम के तहत पास होने के लिए स्टूडेंट्स को स्टडीज पर फोकस करना पड़ेगा। यह लांग टर्म में काफी बेनेफिशियल होगा। वहीं कुछ एक्सप‌र्ट्स ने इसे अमेरिका जैसे देशों में फॉलो होने वाली पॉलिसी जैसा बताया।

चुनौती भरा होगा लागू करना

यूपी बोर्ड की पूर्व एडमिशनल सेकेट्री डॉ। सुधा प्रकाश ने 9वीं से 12वीं तक लागू हो रही सेमेस्टर प्रणाली को बेहतर बताया। उनका कहना है कि यह व्यवस्था ओपेन स्कूल में पहले से लागू थी। इसका सबसे बड़ा फायदा स्टूडेंट्स को यह होगा कि वह पढ़कर बोर्ड एग्जाम पास कर सकेंगे। ऐसे में ज्ञानपरक शिक्षा का सपना पूरा होगा। वहीं एनसीटीई, यूजीसी जैसे संस्थाओं की विभिन्न कमेटियों में शामिल रहे प्रो। पीके साहू हायर एजुकेशन में इस प्रणाली को बेहतर मानते हैं। लेकिन 9वीं से 12वीं तक के पढ़ाई में यह व्यवस्था लागू करने का सीधा आशय है कि सरकार एजुकेशन में प्राइवेटाइजेशन और पूंजीवाद को बढ़ा रही है। वजह, अभी तक हायर एजुकेशन के तहत कई यूनिवर्सिटी में सेमेस्टर सिस्टम के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है। ऐसे में यहां सेमेस्टर सिस्टम को लागू करना चुनौती होगी।

रोजगारपरक कौशल एजुकेशन पर देना होगा ध्यान

प्रो। पीके साहू का कहना है कि सरकार का यह निर्णय तो स्वागत योग्य है कि कौशलपरक शिक्षा की व्यवस्था लागू होनी चाहिए। लेकिन सरकार को इस पर भी ध्यान देना होगा कि मार्केट में किस कौशल से कितने रोजगार के संसाधन मौजूद हैं। एजुकेशन की मुख्य जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। 97 से 98 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार उठाती है। जबकि 2 से 3 फीसदी खर्च केन्द्र सरकार देती है। नई पॉलिसी में जिस तरह से एजुकेशन का सेंट्रलाइजेशन किया गया है, उसके हिसाब से राज्य सरकारें पॉलिसी को अपना लेंगी। लेकिन बाद में केन्द्र पर पॉलिसी लागू करने के लिए संसाधनों की कमी पूरी करने के लिए बजट मांगेंगी।

रीजनल लैंग्वेज को मिलेगा प्रोत्साहन

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत अच्छी चीज यह है कि हिंदी के साथ ही रीजनल लैंग्वेज को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही कई बार भाषा को लेकर होने वाले विवाद भी खत्म होंगे। नई पीढ़ी सभी रीजनल लैंग्वेज को जान सकेगी। सरकार की यह पहल काफी अच्छी है। जबकि पॉलिसी से जुड़ी अन्य चीजों को लागू करने के लिए सरकार को बड़े स्तर पर प्रयास करने के साथ ही उसके बाजारीकरण पर रोक लगाने के लिए प्रयास करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वह सभी के लिए समान अवसर के रूप में उपलब्ध नहीं होगी।

नई एजुकेशन पॉलिसी में शिक्षा के पूंजीवादी होने का सबसे बड़ा अवसर होगा। सेमेस्टर प्रणाली लागू करने के पहले संसाधनों को तैयार करने के लिए प्रयास होना चाहिए।

-प्रो। पीके साहू

एनसीटीई व यूजीसी की विभिन्न कमेटियों के पूर्व मेंबर

सेमेस्टर सिस्टम ओपेन स्कूलों में पहले से था। ऐसे में यह कदम अच्छा है। इससे बच्चों में ज्ञानपरक शिक्षा बढ़ेगी।

-सुधा प्रकाश

पूर्व एडिशनल सचिव यूपी बोर्ड