प्रयागराज (ब्‍यूरो)। समय बदलने के साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा रखते हुए तैयारी करने वाले छात्रों का सब्जेक्ट सेलेक्शन ट्रेंड भी जेंच होने लगा है। इसके पीछे एक और बड़ा कारण है यूपीएससी की तरफ से एग्जाम के पैटर्न में लगातार किया जाने वाला एक्सपेरीमेंट। करीब दो दशक पहले तक ट्रेंडिंग रहने वाले सब्जेक्ट अब आउट ऑफ डेटेड होने लगे हैं कारण इसकी तैयारी में इंवेस्टमेंट ज्यादा है और रिटर्न बेहद कम है। इसके चलते यूपीएससी के ज्यादातर अभ्यर्थी हिन्दी, संस्कृत और इतिहास जैसे विषयों को अपने आप्शनल सब्जेक्ट आप्शन से बाहर कर चुके हैं। इन विषयों से संबंधित पाठन सामाग्री आसानी से उपलब्ध होती थी तो इनका क्रेज बना हुआ था। लेकिन, एग्जाम में पूछे जाने वाले सवालों का ट्रेंड चेंज हुआ तो अभ्यर्थियों को इन सब्जेक्ट्स में रुचि कम होने लगी है। आज के समय में ज्यादातर अभ्यर्थी लोक प्रशासन, राजनीति विज्ञान और भूगोल जैसे विषयों का चयन आप्शनल सब्जेक्ट के रूप में कर रहे हंै। जिस वजह से यह विषय ट्रेंडिंग में है। यह फाइंडिंग तैयारी कराने वाले एक्सपट्र्स के जरिए सामने आयी है।

हिंदी, संस्कृत और इतिहास
विषय विशेषज्ञ की मानें तो हिन्दी, संस्कृत और इतिहास से एक ही पेपर का कुछ पोरशन कवर हो पाता है। जैसे हिंदी विषय केवल निबंध लेखन के लिए लाभप्रद है। संस्कृत और इतिहास की बात करें तो इनके पढऩे से केवल इन विषयों ही जानकारी हो पाती है। यह इन विषयों का सबसे बड़ा माइनस प्वांइट है। जिस वजह से यूपीएससी के अभ्यर्थी इन विषयों से दूरी बना रहे हैं। अब ज्यादातर अभ्यर्थी इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से प्रशासनिक सेवा में आ रहे है। जिस वजह से हिंदी, संस्कृत और इतिहास जैसे विषयों का अध्ययन करना उनके लिए कठिन होता है। इसी के साथ यूपीएससी का सिलेबस काफी बड़ा होता है। इस वजह से अभ्यर्थी उन विषयों का चयन मेंस में करते हैं जिनसे अभ्यर्थी को एक विषय की पढ़ाई करने से दूसरे विषय का भी कुछ पोरशन तैयार हो जाय।

सिलेबस का मेजर पोरशन कवर
विषय विशेषज्ञ बताते हैं की हिन्दी, संस्कृत और इतिहास जैसे विषयों से केवल एक पोरशन ही कवर हो पाता है। राजनीति विज्ञान, भूगोल और लोक प्रशासन जैसे विषयों की पढ़ाई करने से एक विषय के साथ दूसरे विषय का भी कुछ पोरशन कवर हो जाता है। इन विषयों से जनरल साइंस का भी मेजर पोरशन कवर हो जाता है। इसी के साथ निबंध लेखन मेें भी यह विषय बहुत सहायक सिद्ध होते है। निबंध के अधिकतर विषय लोक प्रशासन से आते है। इसके साथ इन विषयों से तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों की सफलता दर भी अधिक है।

सब्जेक्ट सेलेक्शन के फायदे
यह विषय जीएस के मेजर पोरशन को कवर करते है
निबंध के अधिकतर टॉपिक लोक प्रशासन विषय से आते हैं
प्रशासनिक सेवा में अधिकतर अभ्यर्थी इंजीनियरिंग बैक ग्राउंड से आ रहे है। उनके लिए यह विषय सुगम रहता है।
इन विषयों में सफलता की दर ज्यादा है।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, राजस्थान लोक सेवा आयोग जैसे हिन्दी भाषी प्रदेशों से वैकल्पिक विषय समाप्त कर दिया गया है। अब केवल जीएस का एक ही प्रश्न पत्र होता है। इस वजह से यूपीएससी के अभ्यर्थी राजनीति विज्ञान, भूगोल और लोक प्रशासन जैसे विषय का चयन कर रहे हैं।
सीएल त्रिपाठी मागर्दशक अभ्युदय कोचिंग