-जिले में पहुंची ईडी व एसआईटी के रडार पर हैं कई दरोगा और इंस्पेक्टर

-अब तक की गई पूछताछ में टीम को नहीं मिले हैं आरोपों के आधार

PRAYAGRAJ: पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित के मामले की ईडी और एसआईटी ने तफ्तीश शुरू कर दी है। दोनों ही जांच एजेंसियां पिछले कई दिनों से यहां मौजूद हैं। उस वक्त यहां पोस्ट किए गए दरोगा और इंस्पेक्टर भी टीम के रडार पर हैं। कई पुलिस कर्मचारियों से टीम द्वारा पूछताछ की जा चुकी है। हालांकि अब तक की गई छानबीन में टीम के हाथ खाली है। पूर्व एसएसपी पर लगाए गए आरोप के एक भी पुख्ता प्रमाण टीम को नहीं मिल सके हैं। सिर्फ पूछताछ ही नहीं, टीम दस्तावेजों की भी पड़ताल कर रही है। कई पुलिस कर्मचारियों से उनके लिखित बयान भी मांगे गए हैं।

डॉक्यूमेंट्स भी खंगाल रही है टीम

पूर्व एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का स्थानांतरण हो गया था। उनके जाने के बाद शासन द्वारा जिले की कमान आईपीएस अभिषेक दीक्षित को सौंपी गई। जिले की कमान संभालते ही वह बैटिंग करने में जुट गए। उनके द्वारा अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन पाताल जैसे अभियान चलाए गए। माफिया अतीक अहमद से लेकर दिलीप मिश्र के खिलाफ भी अभियान शुरू किया गया। इस बीच उनके द्वारा बड़े पैमाने पर ट्रांसफर और पोस्टिंग की गई। थानों में कारखासी करने वाले 35 लोगों को एक साथ उन्होंने लाइन का रास्ता दिखा दिया।

और जारी हो गया लेटर

अदर जनपद ट्रांसफर होने के बावजूद कई पौवेदार पुलिस कर्मचारी यहां कुर्सी से चिपके रहे। सिफारिश व पकड़ की वजह से उन्हें रिलीव नहीं किया गया था। एक झटके में पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित ने आधे से अधिक पुलिस कर्मचारियों को रिलीव कर दिया। इनके जाने के बाद खाली हुई जगह पर पोस्टिंग कर दी गई। सब कुछ चल ही रहा था कि शासन से एक लेटर जारी हुआ। इस लेटर में उन पर भ्रष्टाचार सहित तमाम तरह के आरोप लगाते हुए न सिर्फ हटाया गया, बल्कि वह सस्पेंड भी कर दिए गए। इस कार्रवाई के पीछे ट्रांसफर पोस्टिंग में रुपये वसूलने की बातें चर्चा का विषय बन गई। खैर, वह यहां से चले गए।

खुलकर नहीं बोल रहा कोई

सूत्र बताते हैं कि इन्हीं आरोपों की जांच करने के लिए ईडी और एसआईटी कई दिनों से जिले में है। टीम पूर्व एसएसपी पर लगाए गए आरोपों की सच्चाई का पता लगाने में जुटी है। उनके कार्यकाल में तैनात किए कई दरोगाओं से भी पूछताछ की गई है। कहा तो यह भी रहा कि पूर्व एसएसपी द्वारा जिन दरोगाओं व इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग हुई है। वह सभी टीम के रडार पर हैं। इन सब से बारी-बारी देर सबेर टीम पूछताछ कर सकती है। हालांकि इस बारे में अफसर खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। दबी जुबान कुछ अधिकारी टीम के आने की बात स्वीकार करते हैं।