प्रयागराज ब्यूरो । दरवाजे के बाहर शुक्रवार सुबह 15 वर्षीय प्रियांशी गौतम की बॉडी रखी हुई थी। परिवार में कोहराम का आलम था। कुछ लोग परिजनों के साथ उसका अंतिम संस्कार करने की तैयारी में थे। इस बीच किसी ने पुलिस को उसकी मौत संदिग्ध होने की खबर दी। पुलिस पहुंची तो परिजन बालिका की मौत का कारण बीमारी बताने लगे। परिजनों की बात से पुलिस भी संतुष्ट नजर आई। चूंकि कॉल एक कद्दावर नेता की थी। लिहाजा बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। यहां दो डॉक्टरों के पैनल व वीडियो ग्राफी के साथ उसकी बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम बाद सूत्रों के जरिए जो बातें बताई गईं वह चौंकाने वाली रहीं। उनकी बातों पर यकीन करें तो पोस्टमार्टम में बालिका की मौत का कारण जहरीला पदार्थ खाने और फांसी लगाने की बात सामने आई है। यही वजह है कि डॉक्टरों के जरिए जांच के लिए बिसरा प्रिजर्व किया गया है। बालिका की मौत में पुलिस की बात और सूत्रों से मिली जानकारियों पर गौर करें तो एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। किए गए इस सवाल का जवाब देने में थाना पुलिस देर शाम तक घुमाने का प्रयास करती रही। हर किसी को हैरान करने वाली यह घटना मऊआइमा थाना क्षेत्र के भवानीगढ हटिया गांव की है।

क्यों छिपाई गई बात?
बालिका प्रियांशी गौतम भवानीगढ हटिया गांव निवासी रामानन्द गौतम उर्फ पप्पू की बेटी थी। पप्पू रोजी रोजगार के लिए बेटे के साथ सूरत में रहता है। शादी के बाद बड़ी बेटी ससुराल रहती है। जबकि दो बेटियां व एक बेटा मां व बाबा व दादी के साथ गांव में रहती हैं। बताते हैं कि प्रियांशी की मां दो दिन पूर्व बेटियों को ससुर व सास के भरोसे छोड़कर मायके गई थी। गुरुवार रात उसे बेटी प्रियांशी के मौत की खबर मिली तो वह भागकर घर पहुंची। उसके पूरे परिवार में कोहराम मच गया। रोने पीटने की आवाज सुनकर ग्रामीण दरवाजे पर इकट्ठा हो गए। सुबह आनन फानन प्रियांशी के अंतिम संस्कार की तैयारी की गई। इस बीच क्षेत्र के एक कद्दावर नेता के द्वारा पुलिस को इस बात की खबर दी गई। मऊआइमा पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस के मुताबिक परिजनों ने बताया कि उसकी मौत बीमारी के कारण हुई है। इसी लिए वह सूचना पुलिस को नहीं दिए। थाना प्रभारी की मानें तो यही बात परिवार के द्वारा लिखकर भी दी गई है। कहना है कि पुलिस पहुंची तो बॉडी दरवाजे पर रखी हुई थी। परिवार के लोग व ग्राम प्रधान और ग्रामीण सभी से पूछताछ में मौत का कारण बीमारी ही बताया जा रहा था। पुलिस का दावा है कि जब परिजनों से बात की गई तो वे पोस्टमार्टम कराने को तैयार हो गए। इसके बाद बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दी गई। रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट होगा।


इन चर्चाओं में कितना है दम?
बालिका की मौत के बाद इलाके में तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त रहीं। गांव में चल रही काना-फूसी पर गौर करने वाले लोगों की मानें तो बालिका के सुसाइड के पीछे कहानी कुछ और ही है। लोग बताते हैं कि उसके ब्वाय फ्रैंड को उसी के सामने परिवार के कुछ लोगों ने पीट दिया था। इस बात से क्षुब्ध होकर वह पहले घर में रखा कुछ जहरीला पदार्थ खाई, इसके बाद गुस्से में फांसी लगाकर सुसाइड कर ली थी। हालांकि लोगों की इन चर्चाओं में कितना दम है? यह बात बहुत स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है। इन बातों की सच्चाई यदि पुलिस गहनता से निष्पक्ष जांच करे तो सामने आ सकती है।


ग्राम प्रधान से लेकर परिजन तक से बात की गई। सभी उसकी मौत का कारण बीमारी बता रहे थे। परिजनों से बात की गई तो वह पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो गए। इस लिए बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता पाएंगे। मौके पर फांसी लगाने जैसी कोई बात किसी ने नहीं बताई।
राघवेंद्र ङ्क्षसह, थाना प्रभारी मऊआईमा