- अंतर जनपदीय तबादलों के बाद भी एकल स्कूलों को नहीं मिले शिक्षक

- जिले के कई ब्लाक में दर्जनों की संख्या में हैं ऐसे स्कूल

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PRAYAGRAJ: अंतर जनपदीय तबादलों के बाद सिटी में आए टीचर्स को लेकर उम्मीद जताई जा रही थी कि एकल विद्यालयों के जरूरत के हिसाब से टीचर्स मिल जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जिले के कई ब्लाक में बड़ी संख्या में ऐसे विद्यालय हैं जो अभी भी एकल ही बने हुए हैं। ऐसे में इन स्कूलों को टीचर्स की कमी फिलहाल दूर होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैैं। जबकि एक मार्च से प्राइमरी स्कूलों को भी खोलने की तैयारी शुरू हो गई है।

कई ब्लाक के विभिन्न स्कूलों का नहीं खत्म हुआ इंतजार

अंतर जनपदीय तबादलों के बाद पहले से एकल रूप में चल रहे स्कूलों में टीचर्स के बढ़ने की उम्मीद खत्म हो गई। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण तबादलों से आए टीचर्स की पोस्टिंग के लिए सेंट्रलाइज व्यवस्था है। जिसमें लखनऊ से स्कूलों और वहां तैनात टीचर्स की संख्या लेकर अंतर जनपदीय तबादलों से आए टीचर्स की पोस्टिंग की गई। जिसमें ये गड़बड़ी सामने आयी। इस बारे में जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार श्रीवस्तव ने बताया कि मानक के विपरीत अंतर जनपदीय शिक्षकों की पदस्थापना से ये स्थिति उत्पन्न हुई है। ऐसे में एकल स्कूलों में टीचर्स की पोस्टिंग नहीं होने से वहां पर टीचर्स की कमी बनी रहेगी और शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होगी। उन्होंने बताया कि जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां पर एक ही शिक्षक तैनात हैं। इसमें करछना के प्रा.वि। तरौल, प्रा.वि। घटवा पटेल, प्रा। वि। सहलोलवा, प्रा। वि। पतुलकी, होलागढ़ में प्रा। वि। मालापुर, प्रा.वि। तुलापुर, प्रतापपुर ब्लाक में प्रा। वि। उगापुर, प्रा। वि। छतौना, हंडिया के तीन प्राथमिक स्कूल में प्रा। वि। जबराडीह, प्रा.वि। हेमापुर, यूपीएस पुरेमथुरादास शामिल है। इसी प्रकार सैदाबाद में प्रा.वि। शहवाजपुर और प्राथमिक विद्यालय अंजना शामिल हैं।

जो एकल विद्यालय है। उनमें अंतर जनपदीय टीचर्स के न जाने से वहां टीचर्स की कमी अभी भी बनी हुई है। जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होगा।

देवेन्द्र श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष

प्राथमिक शिक्षक संघ