प्रयागराज ब्यूरो । आतंकियों को मौत के घाट उतारने वाले एक- दो नहीं 45 वीर सैनिकों की गाथा न्यू कैंट के कोबरा आडिटोरियम में सुनाई गई और उन्हें पुरस्कृत किया गया तो दर्शकों की तालियों से परिसर गुंजायमान हो गया। असाधारण वीरता का प्रदर्शन करने वाले यह सभी बहादुर सैनिक उत्तरी कमान के थे। पहली बार प्रयागराज में वीर जवानों को सम्मानित करने के लिए अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। बहादुर सैनिकों को उत्तरी कमान के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्द्र कुमार ने सम्मानित किया। इस दौरान 58 सैनिक सम्मानित हुए। उत्तरी कमान का मुख्यालय उधमपुर जम्मू कश्मीर में है और प्रयागराज में रेड ईगल डिवीजन की ओर से यह आयोजन हुआ।
चीन और पाकिस्तान बार्डर की कर रहे सुरक्षा
जीओसी ने कहा कि उत्तरी कमान के वीर सैनिक चीन और पाकिस्तान बार्डर पर देश की सुरक्षा कर रहे हैं। भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से वह क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल पर सीज फायर कायम है। अगर किसी ने युद्धविराम का उल्लंघन किया या घुसपैठ की कोशिश की तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। हमारे देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में है। उन्होंने उत्तरी कमान की उपलब्धियां बताईं। कहा कि जम्मू कश्मीर अब सामान्य हो रहा है। वहां पर सेना की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचा विकसित करने का काम किया गया। 2023 में हमने प्रभावी आपरेशनल योजना बनाई। हाई रिस्क आपरेशन में आतंकवादियों की रियल टाइम ट्रैकिंग की गई और 186 आतंकवादियों को मार गिराया। काउंटर टेरर आपरेशन में हमारे सैनिकों ने बहादुरी का परिचय दिया और उच्चतम प्रोफेशनलिजम अपनाते हुए खतरे को सीमित कर दिया। उन्होंने आपरेशन रक्षक, आपरेशन मेघदूत और आपरेशन स्नो लेपार्ड में जवानों के साहसिक प्रदर्शन की सराहना की। कहा कि केंद्र सरकार ने सैनिकों के लिए अत्याधुनिक हथियार, उपकरण और स्पेशल कपड़े उपलब्ध करवाएं हैं। स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण हो रहा है। इससे हमारे सैनिकों का हौसला बढ़ा है। जीओसी ने इससे पहले बहादुरी के लिए 45 को सेना मेडल, विशिष्ट सेवा के लिए तीन को सेना मेडल, एक को युद्ध सेवा मेडल और नौ को विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया। इसके अलावा उत्कृष्ट सेवा के लिए 64 यूनिटों को प्रशस्ति पत्र दिया। वर्ष 2022 और 2023 में आयोजन न होने से इस बार पुरस्कृत होने वालों की संख्या बढ़ गई है।

युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित
अपने कर्तव्य के प्रति असाधारण वीरता के लिए मेजर जरनल सुजीत सिंह सलारिया को युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित किया गया। इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत में उत्तरी कमान पर आधारित एक शार्ट वीडियो भी दिखाया गया। बाद में 1962 में भारत-चीन युद्ध में लद्दाख में 120 भारतीय जवानों द्वारा 1300 चीनी सैनिकों को मारे जाने का भी वीडियो दिखाया गया।

यूपी के पांच अफसर
सम्मानित होने वाले में पांच अफसर यूपी के भी रहे। इसमें ब्रिगेडियर राकेश पचौरा, बिग्रेडियर अंकुर बंगा, मेजर आयुष चौहान, मेजर विकास गिरि एवं लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश प्रताप सिंह शामिल रहे।

विशिष्ट सेवा के लिए दिए गए सेना मेडल
मेजर जनरल मदन राज पांडेय, बिग्रेडियर विशाल रंजन और कर्नल अमरेश्वर सिंह।

विशिष्ट सेवा के लिए नौ को मिले मेडल
मेजर जनरल अजय कुमार, बिग्रेडियर मनोज दत्ताराय जोशी, बिग्रेडियर आशीष नेगी, ब्रिगेडियर संजीव चहल, बिग्रेडियर राकेश पचौरा, बिग्रेडियर अंकुर बांगा, कर्नल संदीप अरविंद पेंडसे, कर्नल सरफराज सिंह, कर्नल रेनूका हारने

सम्मानित किए गए बहादुर सैनिक
लेफ्टिनेंट कर्नल विजेंद्र शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल नीरज शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल रजनीश प्रताप सिंह, मेजर नितिन कुमार सिंह, मेजर विकास गिरि, मेजर भावुक शर्मा, मेजर प्रवीन यादव, मेजर नवदीप गोस्वामी, मेजर कृष्णा नायर, मेजर रंजीत कुमार, मेजर ऋषभ कुमार नैशनी, मेजर धूमल रोहन शाह जी, मेजर जयवीर यादव, मेजर ठाकरे आकाश अशोक, मेजर विकास लांबा, मेजर पंकज कुमार, मेजर आयुष चौहान, मेजर चेतन सिंह, नायाब सुबेदार सुरेंद्र सिंह, डीएफआर सुरजीत मैती, हवलदार अंग्रेज सिंह, हवलदार संजय कुमार, हवलदार मनोज कुमार, हवलदार अरुण कुमार, हवलदार फारुख अहमद मीर, नायब फारुख अहमद नीर, नायब रफीक अहमद मीर, नायब भूषण कुमार, नायब सुमित ठाकुर, नायब हरजिंदर सिंह, नायब महेश चंद्र जाट, लांस नायक रमेश कुमार, गनर मनी सिंह, लांस नायक अभिषेक, राइफल मैन सुनील शर्मा, सिपाही आशीष कुमार, सिपाही प्रवीन शर्मा, सिपाही धर्मेद्र सिंह, एसपीआर अनिल कुमार, गनर संजय सिंह राजपूत, सिपाही धन सिंह गुज्जर, सिपाही विकास, राइफल मैन शहीन हुसैन गनी, सैपर विशाल यादव, ग्रेनेडियर सलीम खान।