प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आखिरकार सोमवार 11 मार्च को सीएए लागू कर दिया गया। सीएए यानि नागरिकता संशोधन कानून। सोमवार शाम को कानून लागू करने की सूचना जारी होते ही जिले को हाई एलर्ट पर ले लिया गया। पुलिस फोर्स एक्टिव कर दी गई। क्योंकि अपने शहर में सीएए को लेकर जमकर बवाल हो चुका है। 72 दिन तक शहर सीएए पर चले बवाल को शायद ही भूल पाए। इसी के मद्देनजर फोर्स को एलर्ट किया गया है। जिले के सभी थानेदारों को उनके एरिया में गश्त जारी रखने का निर्देश जारी किया गया है। पुलिस अफसरों का कहना है कि कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

मंसूर अली पार्क में जुटे लोग
12 जनवरी 2020 का दिन पूरे शहरियों को याद रहेगा। सीएए के विरोध में अटाला में मंसूर अली पार्क में अचानक भीड़ जमा होने लगी। नारेबाजी शुरू हो गई। कानून को देश विरोधी बताया जाने लगा। ये बात दिन में करीब 11 बजे की है। मंसूर अली पार्क में धरना शुरू होने की खबर पूरे शहर में जंगल में आग की तरह फैली। लोग सन्न रह गए। शहरियों को अनहोनी की आशंका सताने लगी। पुलिस भी एक्टिव हो गई। धरना प्रदर्शन शुरू होने की खबर पुलिस को तब लगी जब मंसूर अली पार्क में भीड़ जमा हो गई। आननफानन में पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया, मगर पुलिस के हाथ से बात निकल चुकी थी। मंसूर अली पार्क में लोग डेरा डाल चुके थे।

कम नहीं हुई धरना देने वालों की भीड़
मंसूर अली पार्क सीएए के विरोध का गवाह बना। गवाह बना पूरा शहर। 12 जनवरी को शुरू हुआ धरना एक एक दिन करके बढ़ता रहा। पुलिस और शहरियों को लगा कि पांच, दस दिन में धरना समाप्त हो जाएगा। मगर धरना समाप्त नहीं हो रहा था। पंाच फरवरी को 25 वें दिन रिहाई मंच और सांझी दुनिया के लोगों के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति रुपरेखा वर्मा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रिटायर प्रोफेसर अली अहमद फातमी ने धरना को समर्थन दिया। रिहाई मंच के राजीव यादव ने कहा था कि संघर्ष जारी रहेगा। इस कानून का विरोध होगा। मंसूर अली पार्क में चल रहे धरना में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होने लगीं। जिससे पुलिस के लिए मुश्किल बढ़ गई। पुलिस अफसरों ने बहुत समझाने का प्रयास किया मगर लोग नहीं माने। धरना जारी रहा।

लगा दी गई थी धारा 144
फरवरी में धरना को देखते हुए शहर में धारा 144 लगा दी गई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। धारा 144 के उल्लंघन में 21 लोगों के खिलाफ नामजद केस अटाला चौकी इंचार्ज ने दर्ज कराया। इसके अलावा 225 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया। 10 मार्च के बाद कोरोना का कहर शुरू हो गया। कोरोना को लेकर खबरें आने लगीं।

20 मार्च को हुआ लॉकडाउन
20 मार्च को रात आठ बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कोरोना को लेकर लॉकडाउन की घोषणा की। इसके बाद उसी रात खुल्दाबाद थाने में महामारी अधिनियम के तहत 17 लोगों को नामजद करते हुए 100 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर दिया गया। धरना में प्रमुख चेहरा बने फजल और उमर को गिरफ्तार कर लिया गया। धरना में अन्य प्रमुख चेहरा जिशान और सारा अहमद भूमिगत हो गए। लॉक डाउन होने की वजह से पुलिस पूरी तरह से एक्टिव थी। पुलिस के दबाव के बाद 72 दिन तक चले धरना को लोगों ने 23 मार्च को समाप्त कर दिया गया।

सीएए लागू किए जाने की सूचना के बाद हाई एलर्ट किया गया है। फोर्स एक्टिव है। संवेदनशील एरिया में विशेष निगरानी का निर्देश जारी किया गया है। कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
दीपक भूकर, डीसीपी सिटी

02 लोगों को किया गया गिरफ्तार।
12 जनवरी को मंसूर अली पार्क में धरना शुरू हुआ।
23 मार्च को लॉक डाउन के चलते समाप्त हुआ धरना।
72 दिन मंसूर अली पार्क में चला धरना।
144 धारा के तहत 246 लोगों पर केस दर्ज।
117 लोगों पर महामारी अधिनियम का केस दर्ज।