प्रयागराज ब्यूरो । कल यानी मंगलवार को बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस में गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण में फैसला आ जाएगा। मामले की संजीदगी को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा है। पुलिस कमिश्नर को लिखे गए पत्र की प्रति न्यायाधीश को भी भेजे गए हैं। जिसमें कहा गया है कि 28 मार्च को सुबह दस बजे से ही पर्याप्त पुलिस फोर्स का प्रबंध किया जाय। उन्होंने कहा है कि केस से जुड़े अधिवक्ताओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाय।

देखिए क्या कहा गया है पत्र में
पुलिस कमिश्नर को भेजे गए पत्र में डीजीसी ने बताया है कि 28 मार्च 2023 को एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा फैसले के लिए डेट नियत की गई है। प्रकरण विशेष सत्रवाद संख्या 1326 / 09 धारा 147, 148, 149, 364ए, 341, 342,504, 506, 120बी आईपीसी व 7 सीएलए एक्ट थाना धूमगनगंज मुकदमा अपराध संख्या 270 / 07 बनाम अतीक अहमद आदि कुल 10 अभियुक्तों से सम्बंधित है। यह प्रकरण उक्त कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट के द्वारा मामले में 28 मार्च मंगलवार को फैसला सुनाया जाना है। भेजे गए पत्र में कहा गया है कि मामला बेहद संवेदनशील व गंभीर प्रकृति का है। ऐसी स्थिति में मामले को ध्यान में रखते हुए नियत डेट पर फैसले के वक्त सुबह दस बजे से ही पर्याप्त पुलिस बल की सुरक्षा प्रबंध किया जाना आवश्यक है। ताकि कोर्ट व न्यायालय परिसर में कोई अप्रिय घटना कारित न हो सके। डीजीसी के द्वारा पुलिस कमिश्नर को भेजे गए लेटर की प्रति जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश एमपीएमएलए व जिला मजिस्ट्रेट एवं पुलिस उपायुक्त अपराध को भी भेजी गई है। बताते चलें कि यह पूरा मामला बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य व चश्मदीद गवाह उमेश पाल अपहरण कार्ड से सम्बंधित है।

चूंकि 28 मार्च को जो फैसला आने वाला है वह बेहद गंभीर प्रकृति का है। इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर पत्र भेजकर कचहरी परिसर व कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए जाने की मांग की गई है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी