प्रयागराज ब्यूरो । उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा माघ मेला क्षेत्र में आयोजित चलो मन गंगा यमुना तीर में गुरूवार को तीसरी सांस्कृतिक संध्या लोकगीत, नृत्य की मोहक प्रस्तुतियों से सराबोर रही। शुरूआत रामदेव और साथियों के बिरहा गायन से हुआ। कलाकारों ने पारंपरिक भाव में दोस्त और दुश्मन की पहचान प्रस्तुत कर मंच को सजाया। इसके बाद प्रियंका माधुरी ने 'हमके तीरथ कराए दे हमार सजना होÓ और महक चहु ओर है छाई हमारे राम आए हैं जैसे गीतों पर जमकर लोग झूमे। रेवती रमन चतुर्वेदी ने निर्गुण भजन के साथ 'चलो रे मन गंगा तीरेÓ तथा 'प्रयागराज की गलियों में जब घूमना जय मां गंगे बोलनाÓ की प्रस्तुति से पूरा पंडाल गंगा मईया के जयकारों से गूंज उठा।
आल्हा की प्रस्तुति ने भरा जोश
प्रसिद्ध आल्हा गायिका शीलू सिंह ने मंच संभाला तो वीर रस से ओतप्रोत 'आज लड़ाई माडौ गढ़ की बाजी घूमि-घूमि तलवार नगर महोबा एक बस्ती है, जह पर तपैं रजा परिमाल कीÓ शानदार प्रस्तुति देकर महोबा के राजा परिमाल के शौर्य गाथा को जीवंत किया। आभूषणों से सुसज्जित महिलाएँ वाद्य यंत्र व ढोल की थाप पर पल्लवी किशन व साथियों ने मटकी लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद कलाकारों ने त्रिपुरा का होजागिरी, मध्य प्रदेश का गणगौर, बिहार का सामा चकेवा तथा उत्तराखंड का युगल नृत्य की प्रस्तुति दी। देर रात तक दर्शक कार्यक्रमों का लुफ्त उठाते रहे। तबले पर राजेन्द्र चौधरी बांसुरी पर राजनाथ, ओक्टो पैड पर आकाश तथा आर्गन पर धर्मेंद्र ने साथ दिया।