प्रयागराज (ब्यूरो)अरनव रोज भोर में मार्निंग वाक के लिए घर से निकला करता था। शायद यही वजह थी कि वह जब भोर में निकला तो घर वालों को उस पर शक नहीं हुआ। मार्निंग वाक के बहाने वह प्रेमिका के घर जा पहुंचा। माना जा रहा है कि वह दरवाजे पर पहुंचने से पहले या पहुंचकर प्रेमिका के पास फोन किया होगा। तभी वह पेट दर्द का बहाना बता कर गेट में लगे ताले की चाबी लेकर बाहर आई। गेट का ताला खोलकर वह प्रेमी अरनव को छत पर भेज दी। पोर्च में सीढिय़ों के पास मिली अरनव के स्लीपर का भी राज क्लियर हो गया है। देर रात पुलिस ने बताया किया अरनव सीढ़ी के पास स्लीपर इस लिए उतारा था ताकि दबे पांव सीढिय़ों से छत पर जा सके। उसे शक था कि स्लीपर पहन कर सीढ़ी पर चढ़ते समय आवाज हो सकती थी। घर के मेन गेट में लगे ताले की चाबी पुलिस को छत पर घटना स्थल के पास ही मिली है।

पिता की गोली से गंभीर है छात्रा
पिता की गोली से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बालिका कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं है। एसआरएन हॉस्पिटल में उसका ट्रीटमेंट चल रहा है। देर रात तक उसकी हालत क्रिटिकल बनी हुई थी। पुलिस के मुताबिक वह बोल नहीं पा रही। इसलिए घटना के बारे में कुछ भी वह बता पाने की स्थिति में नहीं है। वह इशारों में कुछ बताने की कोशिश कर रही है। कंडीशन को देखते हुए पुलिस उससे अभी पूछताछ करना मुनासिब नहीं समझ रही। कंडीशन थोड़ी ठीक होने के बाद उसका बयान दर्ज किया जाएगा।

दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे। यह बात क्लियर हो चुकी है। छात्रा यानी बालिका अपने इश्क का जिक्र बुआ की बेटी से किया था। यह बात सामने आ चुकी है। गेट में लगे ताले की चाबी छत पर ही मिली है। इससे साफ है कि बालिका ही गेट खोलकर उसे सीढ़ी से छत पर भेजी थी।
सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार