झूंसी में रेलवे की जमीन घोटाले का मामला, कोर्ट ने कहा, याची चाहे तो जांच एजेंसी को दे सकता है शिकायत

झूंसी में रेलवे की जमीन घोटाले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआइ जांच की मांग में दाखिल याचिका निस्तारित कर दी है। कोर्ट ने याची को छूट दी है कि है वह चाहे तो अपनी शिकायत जांच एजेंसी से कर सकता है। शिकायत मिलने पर एजेंसी उचित जांच करेगी।

दाखिल किया था पीआईएल

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस सुनीत कुमार की खंडपीठ ने दिवाकर नाथ त्रिपाठी की जनहित याचिका पर दिया है। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने कोर्ट को बताया कि विवादित भूमि को रेलवे को वापस कर दिया गया है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। क्राइम ब्रांच ने कई अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। कुछ अभियुक्तों की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से रोक लगी है। फूलपुर के पूर्व एसडीएम राजकुमार द्विवेदी को निलंबित किया जा चुका है। वहीं कुछ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।

किसी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई नहीं

याची का कहना था कि मामले की जांच सही तरह से नहीं हो रही है। पुलिस ने किसी बड़े अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है। कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या याची ने किसी अधिकारी को पक्षकार बनाया है। याची का कहना था कि तत्कालीन डीएम संजय प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई न होने की बात याचिका में लिखी गई है। कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि याची चाहे तो अपनी शिकायत जांच एजेंसी के समक्ष रख सकता है।