प्रयागराज ब्यूरो । लाइफ में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो सफलता के द्वारा कहीं से भी खुल सकते हैं। इसी ध्येय व उम्मीद के साथ दर्जनों युवक व आधा दर्जन से अधिक युवक कयाकिंग और कैनोइंग गेम में किस्मत आजमा रहे हैं। पानी पर कॅरियर को कामयाबी बनाने की रेस लगाने वालों में शनिवार को गजब का उत्साह रहा। बोट क्लब पर आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड पाने के लिए सभी पूरी ताकत झोंक दिए। आंखों में सपनों को संजोए हुए प्रतिभाग के लिए पहुंचे खिलाडिय़ों में सिर्फ युवक ही नहीं युवतियां भी शामिल रही हैं। इस गेम के जरिए जिले के 28 बेस्ट प्लेयर अब तक खेल कोटे से नौकरी प्राप्त कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर की पोस्टिंग दिल्ली पुलिस व सेना एवं जल पुलिस में है। यह एक ऐसा गेम है जिसके जरिए खिलाड़ी थोड़ी सी मेहनत करके ओलंपिक जैसे नेशनल प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन सकते हैं। दोपहर बाद करीब तीन बजे से शुरु हुई इस प्रतियोगिता का लुत्फ उठाने के लिए अतिथियों के अतिरिक्त तमाम लोगों की भीड़ लगी रही।
आयोजित हुई प्रतियोगिताएं
बोट क्लब पर आयोजित इस प्रतियोगिता के पहले 500 मीटर की रेस हुई। इसमें सबसे पहले कयाक यान सिंगल व्यक्ति द्वारा नाव की रेस हुई। इसी गेम के दूसरे राउंड में कयाक के-टू गेम का आयोजन हुआ। जिसमें एक नाव पर दो खिलाड़ी तैनात हुए और उनके जरिए रेस पूरी की गई। इस प्रतियोगिता के बाद कैनोइंग सी-1 गेम का शुभारंभ हुई। इसमें भी एक खिलाड़ी के द्वारा नाव रेस किया गया। जबकि इसी के दूसरे पार्ट सी-2 में प्रति नाव को दो-दो खिलाडिय़ों के जरिए चलाया गया। दूसरे दिन रविवार को 200 मीटर की दोनों प्रतियोगिताएं होंगी। इस पूरी प्रतियोगिता में कुल 50 खिलाड़ी प्रतिभागी हैं। इन खिलाडिय़ों में आठ युवतियां भी शामिल हैं। पानी पर रेस के लिए बनाई गई इस नाव विशेष प्रकार के आकार की थी। फाइनल रिजल्ट शनिवार को जारी किया जाएगा। गेम के एक्सपर्ट कहते हैं कि इस प्रतियोगिता में अन्य खेलों की अपेक्षा कंपटीशन कम होते हैं। इस लिए प्रतिभागी खिलाड़ी आसानी से इस गेम के जरिए अपना मुकाम हासिल कर सकते हैं। वह बताते हैं कि इसी गेम की बदौलत एक युवती को 27 युवक उत्तर प्रदेश पुलिस, आर्मी, शसस्त्र सीमा बल फोर्स एसएसबी में नौकरी कर रहे हैं। इस गेम को कॅरियर बनाने के इच्छुक युवकों के लिए कुछ सर्तें भी हैं। जिसे पूरा करने पर ही एक्सपर्ट ट्रेनिंग के लिए उन्हें यमुना नदी में ले जाकर ट्रेनिंग देते हैं। ट्रेनिंग के लिए इस गेम में बहुत पैसे की जरूरत नहीं होती। बस खिलाड़ी को अच्छा तैराक होना जरूरी है। जिन्हें तैरना नहीं आता उन युवकों को इस गेम में जगह नहीं मिल पाती। ऐसा युवाओं की सुरक्षा के लिहाज से किया जाता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि कयाकिंग एवं कैनोइंग ऐसी एक ऐसा गेम है जिसमें थोड़ी सी मेहनत करके खिलाड़ी ओलंपिक जैसे गेम का हिस्सा बन सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं खेल कोटे से आने वाली नौकरियों में भी वे वरीयता हासिल कर सकते हैं।


कैनोइंग व कयाकिंग के लिए है यह जरूरी
इस खेल में प्रवेश के लिए सबसे पहले खिलाड़ी को अच्छी तरह से तैरने का हुनर सीखना बेहद जरूरी है।
बोट क्लब कैनोइंग व कयाकिंग गेम के लिए बेस्ट तैराक को ही सिलेक्ट करता है और ट्रेनिंग देता है।
तैराकी इस कदर आनी चाहिए कि खिलाड़ी तीन मिनट में 100 मीटर बहते पानी को चीरते हुए तैर सके।
तैराकी आने के साथ खिलाड़ी की उम्र कम से कम 12 वर्ष का होना जरूरी है, इससे कम पर मान्य नहीं है।
इतनी शर्तों को पूरा करने वाले युवा यदि कैनोइंग व कयाकिंग गेम में जाना चाहते हैं वे आवेद कर सकते हैं।
आवेदन के लिए वोट क्लब के जरिए एक फार्म भरने होते हैं, जिसे भरकर फिर वहीं पर जमा किया जाता है।
कैनोइंग व कयाकिंग में सिलेक्ट करने से पूर्व एक्सपर्ट की टीम खिलाड़ी के तैराकी की स्पीड का टेस्ट लेती है।


कैनोइंग व कयाकिंग गेम आसान तो नहीं पर अन्य गेम की अपेक्षा बहुत गठित भी नहीं है। बसर्ते खिलाड़ी में उत्साह और ललक हो। इसमें उन्हीं युवाओं को सिलेक्ट किया जाता है जिन्हें अच्छी तरह से तैराकी आती है। क्यों कि कैनोइंग व कयाकिंग प्रतियोगिता के दौरान अक्सर नाव पानी में पलट जाती है। ऐसे में खिलाड़ी को तैरकर अपनी नाव तक पहुंचना होता है।
देव पाल सिंह, बोट क्लब अधिकारी